निश्चित ही यह गौरव के क्षण हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( इसरो) ने आज उस वक्त एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की, जब आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से सुबह नौ बजकर 23 मिनट पर पहली बार एक साथ 10 उपग्रह प्रक्षेपित किए गए। इसरो के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी-सी9) ने 690 किलोग्राम वजन का भारतीय दूर संवेदी उपग्रह ‘कार्टोसेट 2 ए’ और 83 किलोग्राम वजन का भारतीय मिनी उपग्रह (।आईएमएस-1) तथा दूसरे देशों के आठ ‘नैनो’ उपग्रहों को लेकर सफलतापूर्वक उड़ान भरी। यह आठ ‘नैनो’ उपग्रह कनाडा, नीदरलैंड, डेनमार्क तथा जर्मनी के हैं।
नौ बजकर 23 मिनट पर इस यान को प्रक्षेपित किया गया। भारतीय अंतरिक्ष और विश्व अंतरिक्ष के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि 10 उपग्रहों को एक ही मिशन के तहत अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया है। इन 10उपग्रहों के सफल प्रक्षेपण को देखकर यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र के मिशन नियंत्रण कक्ष में इसरो प्रमुख जी माधवन नायर समेत अंतरिक्ष विज्ञानी खुशी से झूम उठे।
ऐसा पहली बार हुआ हैं जब भारतीय अंतिरक्ष वैज्ञानिकों ने इस तरह की सफलता हासिल की है। इससे पहले पिछले साल अप्रैल में रूस ने एक साथ 16 उपग्रह प्रक्षेपित किए थे। लेकिन जहां भारत का पीएसएलवी-सी9 कुल 824 किलो भार लेकर गया हैं वहीं रूस का यान मात्र 300 किलोग्राम भार लेकर गया था।
भारत की तलाश
Monday, April 28, 2008
विश्व अंतरिक्ष के इतिहास में भारत ने पहली बार ...
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1 comment:
बधाई हो! सचमुच ये भारत के लिये गौरव का क्षण है।
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