भारत की तलाश

 

Wednesday, April 16, 2008

मैं इस ख़बर का शीर्षक क्या दूँ?

जब से मेरी एक खबरनुमा पोस्ट के शीर्षक पर कुछ शुतुर्मुर्गीय नाराजगी जतायी गयी है, तब से मुझे सोचना पङता है कि किसी भी कड़वी सच्चाई का शीर्षक मीठा क्यों हो? अब इस ख़बर को ही पढिये और बताईये, मैं इसका शीर्षक क्या दे सकता था?

पूर्वी दिल्ली के करावल नगर इलाके में सोमवार, १४ अप्रैल की रात एक कामांध पिता ने अपनी ब्याहता बेटी के हाथ-पांव बांध, मुंह में कपड़ा ठूंस बंधक बना उससे दुष्कर्म किया। छोटी बहन ने पिता के इस कृत्य को देख लिया और तत्काल बड़ी बेटी के साथ अस्पताल गई मां को सूचित किया। मां की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी पिता का गिरफ्तार कर लिया है।

दैनिक जागरण में आयी ख़बर के अनुसार एक फेरी लगाने वाला, सपरिवार, किराये के मकान में करावल नगर में रहता है। उसकी मंझली बेटी की पिछले साल 21 मई को शादी हुई थी। वह रविवार को ही मायके आई थी। बड़ी बहन, जो गर्भवती है, मायके में ही है, उसे उसकी मां डाक्टर को दिखाने अस्पताल गई थी जहां डाक्टरों ने गर्भवती युवती को अस्पताल में भर्ती कर लिया, मां को भी अस्पताल में ही रुकना पड़ा गया। रात घर पर भीमसेन, उनकी मंझली बेटी व छोटी बेटी थी। रात में छोटी बहन किसी काम से छत पर गई थी। इसी दौरान उसे अकेला पाकर 'पिता' ने उसके हाथ-पांव बांध, मुंह में कपड़ा ठूंस जबरन उससे दुष्कर्म करने लगा। उसी बीच दूसरी बेटी छत पर आ गई तो पिता को बहन से दुष्कर्म करते देख उसके होश उड़ गए। उसने तुरंत इसकी सूचना अपनी मां को दी। अगले दिन उसकी मां ने स्थानीय थाने में घटना की सूचना दी।

ख़बर तो खबर है, मैं इसका शीर्षक क्या दे सकता था? जिससे किसी को आपत्ति न हो!?

1 comment:

ghughutibasuti said...

यही शीर्षक कि हम सब पगला गए हैं ।
घुघूती बासूती