भारत की तलाश

 

Monday, April 28, 2008

प्रधानमंत्री अंधेरे में रहे, और विद्युत आपूर्ति का उद्घाटन किया!

ऐसा कारनामा तो मेरे इंडिया में ही हो सकता है, जहाँ जनता के लिए रोशनी का इंतजाम करते वक्त प्रधान मंत्री को अंधेरे में रखा जाए! हुया यह कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पिछले दिनों अपने झारखंड दौरे के दौरान बोकारो जिले के दस गांवों में विद्युत आपूर्ति योजना का शुभारंभ कर गए थे लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि पांच दिन बीत जाने के बाद भी इन दस में से आठ गांवों में अभी तक बिजली नहीं पहुंची है। प्रधानमंत्री तो विद्युत आपूर्ति योजना का शुभारंभ कर चले गए लेकिन अब इस बात का खुलासा हुआ है कि जिन दस गांवों में विद्युत आपूर्ति योजना का शुभारंभ उन्होंने किया था उनमें से आठ गांवों में विद्युतीकरण का काम ही पूरा नहीं हुआ है। इस खुलासे से अचंभित झारखंड के राज्यपाल सैयद सिब्ते रजी ने राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब किया है।

प्रधानमंत्री ने 22 अप्रैल को इन दस गांवों में विद्युत आपूर्ति योजना का शुभारंभ किया था। राज्य सरकार ने दावा किया था कि केंद्रनीत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत इन गांवों के विद्युतिकरण का काम पूरा हो गया है। ताजा जानकारी के मुताबिक इन दस में से सिर्फ दो ही गांवों में विद्युतीकरण का काम पूरा हुआ था। शेष आठ गांवों का विद्युतीकरण ही नहीं हुआ। अलबत्ता प्रधानमंत्री के शुभारंभ के पांच दिन बाद भी इन आठ गांवों में अभी तक बिजली नहीं पहुंची है। दरअसल, प्रधानमंत्री को अंधेरे में रख इन गांवों में विद्युत आपूर्ति योजना का शुभारंभ करवा दिया गया।

जिन आठ गांवों में अभी तक बिजली नहीं पहुंच पाई है वे हैं मूगा सरला, काटमकुल्ही, ओरमो, बेरोटांड, बेमरोटांड, अरारायी, तांतेबेरा और रूकाम। मूंगा सरला गांव के निवासी भुवनेश्वर राजवार ने बताया, ''बिजली विभाग के अधिकारी हमारे गांव आए और कह गए कि 21 अप्रैल तक विद्युतीकरण का काम पूरा कर लिया जायेगा। लेकिन आज तक हम इसी इंतजार में हैं कि कब हमारे घर बिजली से रोशन होंगे।''

खबरों के मुताबिक केंद्र सरकार ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया है। यहां तक कि राज्यपाल सैयद सिब्ते रजी भी इस खुलासे से आश्चर्यचकित हैं। रजी ने राज्य सरकार से इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। उन्होंने राज्य सरकार से पूछा है कि बिना विद्युतीकरण के क्यों इस योजना का शुभारंभ किया गया। ज्ञात हो कि राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत राज्य सरकार को केंद्र से लगभग तीन अरब रुपये की राशि मिली थी।


1 comment:

Udan Tashtari said...

क्या कहें??