दो सौ से अधिक महिलाओं को न्याय दिलाने वाली झारखंड महिला आयोग (जेडब्ल्यूसी) की अध्यक्ष लक्ष्मी सिंह इन दिनों खुद न्याय के लिए संघर्ष कर रही हैं। दरअसल, सिंह को विगत 18 महीने से वेतन नहीं मिला है और वह इसके लिए कानूनी लड़ाई लड़ रही हैं। झारखंड सरकार की अवकाश प्राप्त मुख्य सचिव लक्ष्मी सिंह को सरकार ने महिला आयोग के अध्यक्ष पद पर सितंबर 2006 में नियुक्त किया था। वेतन के लिए संघर्ष कर रही लक्ष्मी सिंह ने झारखंड उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
वेतन नहीं मिलने के संबंध में लक्ष्मी सिंह ने कहा, ''राज्य में जिस समय महिला आयोग की स्थापना की गई थी उस समय सेवा शर्तों के संबंध में नियम तैयार नहीं किया गया था।'' उन्होंने कहा, ''मैंने इस संबंध में मुख्यमंत्री, सामाजिक कल्याण मंत्री और मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। लेकिन किसी ने भी इस संबंध में ध्यान नहीं दिया।''
लक्ष्मी सिंह ने कहा, ''मैंने महिलाओं के 220 से अधिक मामलों का निपटारा किया है और 200 से अधिक महिलाओं को न्याय सुनिश्चित कराया। मैं महिलाओं से कहती हूं कि वे अपने अधिकार के लिए लड़ाई लड़ें लेकिन फिलहाल मैं अपने अधिकार के लिए संघर्ष कर रही हूं।'' मधु कोड़ा सरकार ने फरवरी 2007 में महिला आयोग को भंग कर दिया था। सरकार के इस निर्णय को लक्ष्मी सिंह और अन्य दो सदस्यों ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने इन तीनों के पक्ष में फैसला सुनाया। न्यायालय के निर्देश के अनुसार इनकी सेवा चार अप्रैल 2007 से बहाल की गई।
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