भारत की तलाश

 

Friday, April 4, 2008

मंत्री जी पूछते हैं: बच्चे क्या सरकार ने पैदा किए?

छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्री श्री अजय चंद्राकर ने एक भीड़भरी कांफ्रेंस में, गुरूवार ३ मार्च को अपने अंदाज में कहा ‘लोग यह समझते हैं कि बच्चों के लिए पढ़ाई का इंतजाम करना केवल सरकार की जिम्मेदारी है। क्या बच्चे भी सरकार ने पैदा किए हैं? शिक्षा विभाग का पूरा अमला यहां है। मुझे यह कहने में संकोच नहीं कि कर्मचारी समझते हैं कि सरकार का काम तनख्वाह बांटना और उनका काम लेना है। इसके बीच पीढ़ी (बच्चों) के लिए उनके क्या कर्तव्य हैं?’

शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप को शामिल करने और इसके लिए दिशाएं तय करने बुलाई गई वर्कशाप में विभागीय मंत्री अजय चंद्राकर की इस टिप्पणी पर बवाल मच गया है। एसएफआई ने बयान के कुछ देर बाद ही बैठक स्थल पर प्रदर्शन कर दिया। युवक कांग्रेसियों ने इस बयान पर जयस्तंभ चौक में शिक्षामंत्री का पुतला फूंका। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि इस मुद्दे पर माफी मांगी जानी चाहिए। श्री जोगी ने मांग की कि मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री के इस टिप्पणी के लिए बच्चों और उनके पालकों से क्षमा याचना करें। श्री जोगी ने यह भी कहा कि पीपीपी योजना की आड़ में सरकार प्रदेश के स्कूलों की बेशकीमती जमीन धनाढ्यों को सौंप देना चाहती है।

युवक कांग्रेसियों ने रात जयस्तम्भ चौक पर श्री चंद्राकर का पुतला जलाने के पहले स्कूली छात्रों से मंत्री के पुतले को पिटवाया। स्टूडेंट फेडरेशन आफ इंडिया (एसएफआई) के राज्य महासचिव ने आरोप लगाया कि सरकार सरकारी स्कूलों को उद्योगपतियों और दलालों को बेचने पर आमादा है। शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है। सरकार अपनी जिम्मेदारी से भागकर शिक्षा को दलालों को सौंपना चाहती है। एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष, ग्रामीण जिला अध्यक्ष आदि ने शिक्षामंत्री के बयान को ओछी मानसिकता का प्रतीफ करार दिया। उन्होंने कहा कि सरकार तो स्कूलों की दशा सुधाने की बजाए निजीकरण में लग गई है।

2 comments:

Sanjeet Tripathi said...

खुशी हुई जानकर कि आप छत्तीसगढ़ से हैं!!
कृपया प्रोफाईल में थोड़ा बहुत अपने बारे मे लिखें ताकि लोग परिचय जान सकें!!

दिनेशराय द्विवेदी said...

इतना बढ़िया काम करने पर आप को अपनी पहचान बताने के लिए तो कहा ही जाएगा।