भारत की तलाश

 

Wednesday, April 9, 2008

सिगरेट जलईले, हम अदालत तक गए थे ना!

हर दिन कोई न कोई ऐसी बात सामने आ जाती है, जो कानून-व्यवस्था की पोल खोलकर रख देती है। इसी का एक जीता-जागता उदाहरण है बिहार के सीतामढ़ी जिले की एक घटना, जिसमें वहां के स्थानीय सांसद के रिश्तेदारों ने एक शिक्षक को सिगरेट से तब-तक दागा जब तक वह बेहोश होकर गिर नहीं गया।

इस शिक्षक का नाम विमलेश है। उसका गुनाह सिर्फ इतना है कि उसने सांसद सीताराम यादव के रिश्तेदारों के खिलाफ अदालत जाने की हिम्मत जुटाई थी। दरअसल विमलेश की बहन की अपने कालेज में किसी बात को लेकर एक लड़की से कहा-सुनी हो गई। यह लड़की सांसद की रिश्तेदार थी। इसलिए सांसद के रिश्तेदारों ने मिलकर विमलेश की बहन की पिटाई कर दी।

इस बात को लेकर विमलेश ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। लेकिन मामला जब आगे नहीं बढ़ा तो विमलेश इस शिकायत को लेकर अदालत चला गया। सांसद के रिश्तेदारों को विमलेश का अदालत जाना पसंद नहीं आया।
उन लोगों ने पहले तो विमलेश से मुकदमा वापस लेने के लिए दबाव डाला। जब विमलेश नहीं माना तो इन रिश्तेदारों ने विमलेश को एक दिन पकड़ लिया और उसकी जमकर पिटाई की।

उन लोगों का इससे भी दिल नहीं भरा तो उन्‍होंने विमलेश के मुंह में कपड़ा ठूस कर उसके हाथ को सिगरेट से जलाना शुरु किया। इन बदमाशों ने विमलेश के साथ इस तरह की हैवानियत तब तक की जब तक वह बेहोश होकर गिर नहीं पड़ा। सबसे बड़ी बात तो ये है कि जब इस शिकायत को लेकर विमलेश पुलिस थाने पहुंचा तो इसकी मदद करने के बजाए पुलिस ने उसे वहां से भाग जाने के लिए कहा। बाद में पुलिस ने किसी तरह से यह मामला दर्ज भी किया लेकिन इस मामले में किसी भी व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं की गई है।

1 comment:

दिनेशराय द्विवेदी said...

अदालतें जरुरत की चौथाई भी नहीं होंगी, न्याय व्यवस्था होगी लाचार, नेताओ के भरोसे तो कानून का नही नेताओं का ही होगा राज।