गांव का एक युवक अरुण कुमार राय अपने सीमित संसाधनों में एक रेडियो स्टेशन चला रहा है, जो तीन किलोमीटर के दायरे में न सिर्फ लोंगो का मनोरंजन कर रहा है बल्कि इससे गांव के लोंगो को कृषि की जानकारी भी दे रहा है।
सुबह के दस बजने वाले हैं, रेवतीपुर रेडियो स्टेशन में आप का स्वागत है अब आप अरुण राय से ताजा समाचार सुनिए ...अरुण राय की सुबह इन्ही शब्दों से होती है जिसका गांव वाले बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं। इस गांव में संचार के सभी संसाधन मौजूद हैं लेकिन लोगों को अपने गांव के अरुण की आवाज को अपने रेडियो पर सुनने में बड़ा गर्व होता है। राम लाल महतो तो कहते हैं कि जब अपने गांव के लड़के से कृषि सम्बन्धी सारी जानकारी मिल जाती है तो हम दूसरे के सहारे क्यों रहें।
गाजीपुर जिले के रेवतीपुर गांव की इस प्रतिभा को इस अंजाम तक पहुंचने में कुल चार साल लगे। इंटर साइंस से पास होने के बाद अब अरुण ख़ुद के बनाये हुए रेडियो स्टेशन पर जाता है। इसमें लोकल समाचार से लेकर गाने तक वह गांव -गांव पहुंचा रहा है। एक सीडी प्लेयर कुछ कनडेनसर, पावर चार्जर, एक बैटरी और एक एंटीना से उसने अपना ख़ुद का रेडियो स्टेशन तैयार कर लिया है जिसे शार्ट वेव के 41 मीटर बैंड पर तीन किलोमीटर के दायरे में बडे मजे से प्रसारित कर रहा है।
अरुण अपने रेडियो स्टेशन पर सुबह 10 बजे से 4 बजे तक समाचार की दो बुलेटिन और शेष समय में वह सीडी प्लेयर के माध्यम से गांव के लोगों का मनोरंजन करता है। सुबह का अखबार देख करके ख़ुद ही समाचार तैयार करता है और कृषि संबंधी जानकारी के लिए उसके एक्सपर्ट को बुलाता है। गांव के लोग कहते हैं कि इसकी उपयोगिता मंडी के बाजार भाव के लिए सबसे ज्यादा है। उसकी यही इच्छा है कि यदि सुविधा मिले तो वह अपनी इस प्रतिभा का उपयोग देश के विकास के लिए करना चाहता है।
अरुण की इस प्रतिभा से गांव के जवान और बुजुर्गों को जहां मनोरंजन मिल गया है, वहीं स्थानीय समाचार भी मिलने लगा है।
भारत की तलाश
Monday, April 14, 2008
एक छोटे से गाँव में रेडियो स्टेशन
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6 comments:
क्या बिहार मे भी गाजीपुर है दिल्ली की तरह।
बहुत दिनों पहले टी.वी.पर ये न्यूज़ आई थी।
ये पोस्ट तो रेडियोनामा पर आनी चाहिए थी
दोस्त ब्लाग पर गलत सूचनाएं मत दो....ये रेडियो रेवतीपुर यूपी के गाजीपुर का मामला है बिहार का नहीं ....
आप इसे सुधार कर पेस्ट करो....जनता को गुमराह मत करो.....
अरुण को बधाई.........
मैं वैसे भी किसी खबर को अपने स्तर पर जाँचे बिना नहीं प्रस्तुत करता हूँ, लेकिन इस खबर के स्थान के बारे में जब wikimapia पर खोजबीन की तो भ्रमित हो गया था। वास्तविकता में स्थान, यूपी का होते हुये किसी भ्रम के चलते बिहार लिख गया।
पोस्ट सुधार दी गयी है। विद्युत मौर्य जी का धन्यवाद, गलती की ओर, ध्यान दिलाने के लिये
There was a similar incidence in Bihar as well Radio Raghav or Radio Mansoorpur. Although it is very good creativity by young chap but he shouldn't do that. There is a proper procedure to be followed. He needs to take permission from government and get radio frequency assigned. There are security norms to be followed. Suppose same technic being used by ultras, naxalites etc to communicate with their cadres then its total risk.
Congratulations to him but he should abide by rules and do not mis-use the technology available.
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