जमशेदपुर में आयकर विभाग में चपरासी शिवनाथ उरांव के बेटे विष्णुदेव कच्छप ने, कड़ी मेहनत और बुलंद हौसले के चलते वह करिश्मा कर दिखाया है, जिसकी कल्पना कभी परिवारवालों ने नहीं की थी। बड़ी से बड़ी मुश्किल भी विष्णु की राह नहीं रोक पायी। विष्णु जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में राज्य में तीसरे स्थान पर रहे हैं।
आउट हाउस में रहने वाले विष्णु की प्रारंभिक शिक्षा जयनगरा (पलामू) से हुई। बेहद संघर्ष करते हुए उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की। कॉलेज की पढ़ाई के लिए न केवल उन्होंने ट्यूशन किया बल्कि तीन साल तक होटल में काम किया। बावजूद कभी भी अपने अंदर के हौसले और जज्बे को मरने नहीं दिया। सात भाई-बहनों में सबसे बड़े विष्णु ने घर की माली हालत को देख नेटवर्किंग बिजनेस में हाथ आजमाया। वे कहते हैं-मेरा पिछला आठ साल बेहद संघर्षमय रहा। शादी हो गयी, बच्चे हो गये और पारिवारिक दायित्व बढ़ता गया।
ऐसे में सिविल सेवा की तैयारी के बार में सोच पाना भी मुश्किल था। लेकिन नेटवर्किंग के बिजनेस ने प्रेरित किया फिर क्या था मैंने ठान ली कि सिविल सेवा परीक्षा में बैठना है। काम करते हुए भी मैंने कठिन परिश्रम किया। रात-रात भर बैठकर पढ़ाई की। घर के लोगों को कई बार गुस्सा भी आता, लेकिन मैं धैर्यपूर्वक आगे बढ़ता गया और आज उसका परिणाम सामने है।
विष्णु का कहना है "मेरी अनपढ़ मां को लगता नहीं था कि मैं कभी बड़ा आदमी बन सकता हूं।" वे यह भी कहते हैं कि हम अपने भविष्य को नहीं बनाते, हम अपनी आदतें बनाते हैं, और हमारी आदतें हमारा भविष्य बनाती हैं।
भारत की तलाश
Tuesday, April 15, 2008
झारखंड में चपरासी का बेटा कलेक्टर बना
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5 comments:
बहुत प्रेरक खबर है। बधाई!
आपने उसके साथ प्रकाशित नेत्रहीन लडकी की खबर पर ध्यान नही दिया इनका नाम रंजू है और ये वित्त विभाग के लिए चुनी गयीं हैं
बहुत लोगों को इससे प्रेरणा मिल सकती है।
अनेकों के लिये प्रेरणास्पद.
Bahut hi prerna dene wali missal kayam ki hai aapne.
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