भारत की तलाश

 

Thursday, April 3, 2008

एक ग्रेजुएट वाहन चोर, १०० रूपये में वाहन लौटाता है: गिनीज बुक में जायेगा

दुपहिया वाहनों को चुराने का माहिर कोदंदरमैया अन्य चोर उचक्कों से जरा हट के है। वह चुराए गए वाहनों को बेचता नहीं है, बल्कि उनके मालिकों का पता लगाकर उन्हें फोन पर सूचित करता है कि उनका वाहन उसने ही चुराया है।

साथ ही वह यह कहता है कि वह मात्र पचास से सौ रुपए के बदले उन्हें उनका वाहन लौटा देगा। कई दफे ऐसा भी हुआ कि जब वह वाहन के मालिक का पता नहीं लगा पाया और उसने वाहन पुलिस थाने को सौंप दिया। अब सवाल यह उठता है कि जब वह इन वाहनों को बेचकर मोटी रकम कमा सकता है तो आखिर वह उन्हें उनके मालिकों को क्यों लौटाता है। कोदंदरमैया बड़े गुरूर के साथ कहता है, ‘मैं कोई अपराधी थोड़े ही हूं। मैं तो केवल दो जून की रोटी का इंतजाम करने के लिए ऐसा करता हूं। मुझे वाहन मालिकों से पैसा मिलता है उससे मैं अपना खाना खरीदता हूं। लेकिन जब मेरे पास पैसे नहीं होते हैं तो मैं चुराए हुए वाहन के साथ पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर देता हूं। मुझे जेल भेज दिया जाता है, जहां मेरे खाने-पीने का इंतजाम हो जाता है।’

आंध्र प्रदेश पुलिस का रिकार्ड बताता है कि उसने पिछले बीस साल के दौरान 298 अपराध किए और इसके लिए कई बार जेल की हवा खाई। यह किसी एक व्यक्ति द्वारा राज्य में सबसे अधिक अपराध करने का रिकार्ड है। वह गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में आसानी से जगह पा सकता है।

इस शख्स के बारे में दिलचस्प बात यह भी है कि वह एक ग्रेजुएट है और उसने कभी एक उद्यमी बनने का सपना पाला था। लेकिन उसे किस्मत ने धोखा दे दिया जब उसके पिता का अचानक निधन हो गया और भाइयों ने उसे घर से निकाल दिया।

1 comment:

सागर नाहर said...

बहुत ही दुखद भी है कि किस तरह पढ़े लिखे लोगों को भी इस तरह चोरियां करनी पड़ रही है।
कुछ समय पहले हमारे यहां हैदराबाद में एक चोरी हुई और घर मालिक ने लिखवाई कि उसके यहाँ पाँच लाख की चोरी हुई ह।
यह बात जब अखबार में प्रकाशित हुई तब चोर ने थाने में फोन कर कहा कि रपट लिकवाने वाला झूठ बोल रहा है मैने मात्र कुछ हजार की चोरि ही की है, और उसने चोरी किये हुए पुरे सामान की सुचि भी लिखवा दी।