भारत की तलाश

 

Sunday, June 29, 2008

भारत में निकाल लिया ब्रिटेन के ग्रामीणों का पैसा

ब्रिटेन के वर्सेस्टरशायर के एक गांव के आधे से ज्यादा लोग क्रेडिट कार्ड की अंतरराष्ट्रीय जालसाजी का शिकार हुए हैं। इनके खातों से भारत में पैसा निकाला जा रहा है। शिकायतों के बाद जांच में पता चला कि ब्रिटेन के उपभोक्तायों के खातों से चेन्नै और मुंबई सहित भारत के कई शहरों पैसा निकाला गया है। वर्सेस्टरशायर के ग्राम वीचबोल्ड में 700 घर हैं और इनमें से 400 परिवारों के खातों से धन विदेशों में निकाला गया है।

लोकल पुलिस का मानना है कि ई मेल की जानकारी के अनुसार विदेशों में उनके खातों से 50 से 100 पौंड निकाले गए हैं। मई में बोर्नमाउथ के ' डेली इको ' के एक पत्रकार ने पाया कि उनके खाते से चेन्नै में पैसा निकाला गया है। उनके इलाके के 500 और लोग भी इसी तरह की समस्या से जूझ रहे हैं। ब्रिटेन के सुरक्षा अधिकारी कार्ड की नकल पर काबू करने की कोशिश कर रहे हैं। चेन्नै में रहने वाले बी. कॉम थर्ड ईयर के एक स्टूडेंट को कई देशों के लोगों के क्रेडिट कार्ड्स की डिटेल्स हासिल कर उससे इलेक्ट्रॉनिक सामानों की ऑनलाइन खरीदारी करने के लिए गिरफ्तार किया गया है। इससे साइबरस्पेस में धोखाधड़ी की अंधेरी दुनिया का सच सामने आया है।

हैकरों की कम्यूनिटी के एक सदस्य टी. भारथ्वाज पुरोहित (20) पर आरोप है कि उसने इस अप्रैल महीने से अब तक लोगों के क्रेडिट कार्ड्स का ऑनलाइन इस्तेमाल कर ढेर सारे इलेक्ट्रॉनिक आइटमों की खरीदारी की। पुलिस ने पुरोहित के पास से इलेक्ट्रॉनिक गिटार, पिंटर, एलसीडी टीवी, डिजिटल कैमरा, भार मापने का स्केल, मोबाइल, लैपटॉप (जिन सभी की कीमत तीन लाख रुपये बैठती है) और 38,000 रुपये कैश बरामद किए। बताया जाता है कि पुरोहित का मुंबई के मुलुंड निवासी अजय और अहमदाबाद निवासी संजय से ऑनलाइन संपर्क हुआ। अजय और संजय ने पुरोहित का हैकर्स कम्यूनिटी के सदस्यों से परिचय करवाया और खरीदारी के लिए क्रेडिट कार्ड के डिटेल्स दिए। अजय और संजय की सलाह पर पुरोहित ने उनके द्वारा मुहैया कराए गए डेटा का इस्तेमाल कर एक महंगा मोबाइल सेट और आईपॉड बुक कराने की कोशिश की।

पुरोहित के आश्चर्य का उस वक्त ठिकाना नहीं रहा, जब उसे ये आइटम ऑर्डर देने के महज एक हफ्ते के अंदर मिल गए। उसने कुरियर के मार्फत कुछ कीमती आइटम अजय और संजय को गिफ्ट कर दिए। पुरोहित ने इसके बाद एक ऑक्शन वेबसाइट से और सामानों की खरीदारी शुरू की। डीसीपी बी. विजया कुमारी ने यह जानकारी दी। पुलिस सूत्रों का कहना है कि अमेरिका स्थित चार वेबसाइटें लोगों के क्रेडिट कार्ड्स से जुड़ी डिटेल बेचने का काम करती रही हैं। ये वेबसाइटें अमेरिका, कनाडा और रूस के लाखों क्रेडिट कार्ड्स यूजर के क्रेडिट वैल्यू वेरिफिकेशन नंबर बेहद कम कीमत पर उपलब्ध करा देती हैं। पुरोहित के ऑनलाइन क्राइम पार्टनर अजय और संजय ने इन वेबसाइटों से लोगों के क्रेडिट कार्डों से जुड़ी सूचनाएं इकट्ठा कर रखी थीं।

सीसीबी के एक अधिकारी ने बताया कि पुरोहित ने हमें इन वेबसाइटों के बारे में बताया है और हम इसकी पुष्टि करने की कोशिश कर रहे हैं। पुरोहित ने केवल मनोरंजन के लिए अजय और संजय से ऑनलाइन चैटिंग शुरू की थी लेकिन वह साइबर क्राइम की दलदल में जा फंसा। अजय-संजय ने, जिनकी उम्र 16 साल के करीब है, पुरोहित को अपने पास पैसे भेजने को कहा था और इसके बदले मुफ्त खरीदारी के लिए दूसरों के क्रेडिट कार्ड डिटेल्स देने की पेशकश की। पुरोहित शुरू में तो झिझका पर बाद में लालच में पड़ गया।

2 comments:

दिनेशराय द्विवेदी said...

यह विश्व जंजाल हैकर्स और चोरों की कम्युनिटीज भी बना रहा है।

राज भाटिय़ा said...

अजी कया करे ऎसे मामले बहुत होते हे, अब ५० १०० € के लिये कोन कोर्ट के चक्कर लगाये बस अगली बार हम चुस्त हो जाते हे,फ़िर अपने ही घर मे लुटते हे, ओर इन लुटेरो के कारण घर तो नही बदनाम कर सकते, मुझे लगता हे ऎसे केस करीब करीब सभी के साथ होते हे.हर बार एक नया सबक मिल जाता हे.