भारत की तलाश

 

Friday, July 4, 2008

बच्चे को चलती ट्रेन से फेंका

एक टीटीई ने क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए महज 12 साल के एक छोटे बच्चे को चलती ट्रेन से बाहर फेंक दिया। बच्चे को बाहर फेंकने की एक मात्र वजह सिर्फ 50 रुपए थी। बच्चे को काफी गहरी चोट आई है। चलती ट्रेन से बाहर फेंके जाने पर उसका दाहिना हांथ और दाहिना पैर दोनो ही बुरी तरह से खराब हो गया है। अब उसके पास सिर्फ एक हांथ, पैर का ही सहारा रहेगा।

शंकर सिंह जो मात्र 12 साल का बच्चा है, अपना पेट पालने के लिए रेलगाड़ियों के डिब्बों की सफाई करता है। हर रोज की तरह बच्चा बेखौफ होकर ट्रेन के डिब्बे में घुस गया और सीट के नीचे साफ-सफाई करने लगा। सफाई के दरमियान उसे सीट के नीचे ही एक 50 रुपए का नोट मिला। बस इसी नोट को लेकर उसे अपने शरीर को अपंग बनाना पड़ा। इस नोट को टीटीई ने उससे मांगा लेकिन शंकर ने तुरंत ही मना कर दिया, इसके बाद धीरे-धीरे साधारण सी बातचीत झगड़े में बदल गई और टीटीई ने सारी हदें पार करते हुए उसे चलती गाड़ी से नीचे फेंक दिया।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार टीटीई ने उसे जोर-जोर के थप्पड़ भी लगाए, लोगों के मना करने पर भी उसने किसी की एक न सुनी और उसे चलती गाड़ी से बाहर फेंक दिया। शंकर के एक साथी ने घटना के बाद जीआरपी में केस दर्ज करा दिया है। बुरी तरह से घायल बच्चे को इस्पात जनरल अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। डॉक्टरों के अनुसार अब उसकी हालात पहले से ठीक बताई गई है।

1 comment:

Unknown said...

लालू प्रसाद जी की रेल है जिस को उन्होंने फायदे में ला दिया और अब हार पहनते फ़िर रहे हैं. रेल पर सुरक्षा, रेल कर्मियों का व्यवहार, यह सब मुद्दे नहीं उन के रेल प्रशासन में.