आप मानें या ना मानें, लेकिन दक्षिण दिल्ली के बदरपुर इलाके में रहने वाली एक महिला के नाम 901 राशन कार्ड हैं। इतना ही नहीं, इन सभी राशन कार्डों पर उसका नाम और पता भी एक ही है। जबकि उसे खुद भी नहीं पता कि उसके नाम पर इतने राशन कार्ड बने हुए हैं। जसोला गांव की मंजू अकेली नहीं है जिसके नाम पर कई-कई राशन कार्ड हैं। पते का मिलान करना शुरू दिल्ली सरकार के खाद्यान्न और आपूर्ति विभाग के सामने हाल ही में ऐसे कई मामले आए हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 257 करोड़ का राशन कार्ड घोटाला सामने आया है। इसलिए अब विभाग ने राशन कार्ड धारकों की सूची में मौजूद हर नाम और पते का मिलान करना शुरू कर दिया है।
आरटीआई कार्यकर्ता अरविंद ने इस संबंध में दस्तावेजों को जारी करते हुए कहा कि 1,70,598 राशन कार्ड फर्जी पाए गए हैं। इनमें से 1,41, 978 राशन कार्ड गरीबी की रेखा से ऊपर (एपीएल) वालों के हैं। दूसरी ओर, केवल 28,620 फर्जी राशन कार्ड ही गरीबी की रेखा (बीपीएल) के नीचे और अंतोदय कार्ड हैं। पिछले चार साल में इन फर्जी राशन कार्डों से मिलने वाली सब्सिडी के रूप में सरकार को 257 करोड़ का चूना लगाया गया है।
भारत की तलाश
Wednesday, July 9, 2008
एक महिला के नाम 901 राशन कार्ड, लेकिन उसे मालूम नहीं
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