68 साल के फर्स्ट क्लास इंजीनियर रमेश कृष्णाजी को नवी मुंबई की पनवेल रेलवे पुलिस ने पनवेल रेलवे स्टेशन पर एक यात्री का बैग चुराते वक्त गिरफ्तार किया। 'मटका' की लत के चलते करीब 37 साल पहले वह ग्रैजुएट इंजीनियर, बैग चोर बन बैठा था। इसी बुरी लत के चलते उसके माता-पिता ने उसका साथ छोड़ दिया। करीब 22 बार जेल की हवा खाने के बाद भी वह बैग चुराने की आदत नहीं छोड़ पा रहा है।
नवभारत टाईम्स की ख़बर है कि सतारा जिले के कराड इंजीनियरिंग कॉलिज से 1963 में इंजीनियरिंग करने वाले रमेश कदम ने कुर्ला स्थित प्रसिद्ध प्रीमियर ऑटोमोबाइल कंपनी में नौकरी भी की। नौकरी के दौरान ही उसे 'मटका' खेलने की बुरी लत लग गई। तत्कालीन मटका किंग रतन खत्री से प्रभावित कदम ने 1978 तक कंपनी में नौकरी की और बाद में मटके की दुनिया में नसीब आजमाने लगा। मटके की आदत के चलते वह इंजीनियर से रेलवे स्टेशनों व बस अड्डों पर यात्रियों के बैगों को चुराने वाला चोर बन बैठा।
नवभारत टाईम्स की ख़बर है कि सतारा जिले के कराड इंजीनियरिंग कॉलिज से 1963 में इंजीनियरिंग करने वाले रमेश कदम ने कुर्ला स्थित प्रसिद्ध प्रीमियर ऑटोमोबाइल कंपनी में नौकरी भी की। नौकरी के दौरान ही उसे 'मटका' खेलने की बुरी लत लग गई। तत्कालीन मटका किंग रतन खत्री से प्रभावित कदम ने 1978 तक कंपनी में नौकरी की और बाद में मटके की दुनिया में नसीब आजमाने लगा। मटके की आदत के चलते वह इंजीनियर से रेलवे स्टेशनों व बस अड्डों पर यात्रियों के बैगों को चुराने वाला चोर बन बैठा।
2 comments:
अजी हम ने भी एक लेक्चरार को देखा हे जो शराब की एक घुट के लिये कुत्ते की तरह से पीछे पीछे लगा रहता था, भगवान इन्हे सद्बुद्धि दे, इतना पढ लिख कर फ़िर यह काम.इन के बच्चो ओर घर वालो पर क्या बीतती होगी, उन के देखे सपने कया यह पुरे कर पाये गे ???
धन्यवाद
लत जो न करवाये, सो कम!
Post a Comment