भारत की तलाश

 

Monday, June 9, 2008

छात्र-छात्राएं जाते हैं हथियार लेकर स्कूल

स्कूलों में हिंसा का खौफ बाल मानस पर इस कदर हावी है कि करीब 12 फीसदी छात्र अपने साथ कभी न कभी चाकू जैसे हथियार लेकर स्कूल गए हैं। सफदरजंग अस्पताल एवं वर्धमान महावीर मेडिकल कालेज नई दिल्ली के Community Medicine के डाक्टर राहुल शर्मा के नेतृत्व में MIMS अंबाला और UCMS & GTB अस्पताल दिल्ली के अनुसंधानकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया है कि स्कूल जाने वाला हर दूसरा छात्र पिछले एक साल में किसी किसी शारीरिक झगड़े में लिप्त रहा है।

अध्ययन के मुताबिक छात्र-छात्राओं से पूछा गया कि क्या वे चाकू, छड़ी, चाबुक और तलवार लेकर स्कूल गए हैं। इस पर करीब 12 फीसदी छात्र-छात्राओं ने जवाब दिया कि वे पिछले 30 दिन में कोई न कोई हथियार लेकर स्कूल गए। हथियार लेकर जाने वालों में छात्रों का 15.7 का प्रतिशत छात्राओं से 3.9 से ज्यादा था। शर्मा ने बताया कि इसकी वजह सिख समुदाय के छात्र-छात्राओं द्वारा धार्मिक वजहों के चलते कृपाण धारण करना हो सकता है, लेकिन अध्ययन में सिर्फ दो प्रतिशत ही सिख विद्यार्थी शामिल थे, इसलिए इस कारण का महत्व नजर नहीं आता।

Indian Journal of Community Medicine के ताजा अंक में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार 13 फीसदी छात्रों ने बताया कि उन्होंने पिछले 12 महीने में किसी न किसी हथियार से लोगों को घायल किया है या फिर उन्हें धमकाया है। इनमें भी अधिकांश तादाद छात्रों की है। अध्ययन में पाया गया है कि हर दूसरा लड़का पिछले एक साल में शारीरिक झगड़े में लिप्त रहा। जबकि हर पांच में से एक छात्रा भी किसी किसी रूप से समान अवधि में शारीरिक झगड़े में शामिल थी। शर्मा ने बताया कि अध्ययन में शामिल छात्र- छात्राओं में से लगभग 18 प्रतिशत ने बताया कि उन्हें शारीरिक झगड़े में ऐसी चोट आई जिसके लिए चिकित्सा सुविधा देने की जरूरत थी।

यह अध्ययन दक्षिण दिल्ली के तीन स्कूल और दो कालेजों के 550 छात्रों पर किया गया है। इनमें 67.1 प्रतिशत छात्र और 32.9 प्रतिशत छात्राएं थी। इन छात्र-छात्राओं की उम्र 14 से 19 वर्ष के बीच है। अध्ययन में शामिल 62.4 प्रतिशत विद्यार्थियों ने अपना निवास निजी कालोनी या एक अलग बंगले में बताया। अध्ययन में शामिल तीन-चौथाई छात्र-छात्राएं एकल परिवार तथा बाकी संयुक्त परिवार के थे। बच्चों के व्यवहार के बारे में किए गए इस अध्ययन में बताया गया है कि कैसे बच्चे अपने माता-पिता, दोस्तों, भाई-बहनों, शिक्षकों या सेलिब्रिटी को धूम्रपान या मदिरापान करते देख उनसे प्रभावित हो जाते हैं।

1 comment:

Udan Tashtari said...

सर्वे के परिणाम चौंकाने वाले हैं.