भारत की तलाश

 

Sunday, June 15, 2008

हम किसी से कम हैं क्या !?

लगता है आजकल मध्यप्रदेश को ख़बरों के मध्य रखा जाना भा रहा है! आईपीएल के दौरान चीयर गर्ल्स का मुखर विरोध करने वाली सरकार के दो मंत्री शुक्रवार, १३ जून को बालाघाट में लगे एक सर्कस में पहुँचे, जहाँ कला के नाम पर महिलाओं का अश्लील नृत्य चल रहा था। वे यहाँ लोक कल्याण शिविर में हिस्सा लेने पहुँचे थे। इतना बता दें कि यह ख़बर और विवरण पीटीआई-भाषा द्वारा जारी की गयी है।

मंत्रीजी के अलावा पार्टी के कुछ स्थानीय जनप्रतिनिधि भी इस आयोजन में शामिल हुए थे। मौका था वन विभाग द्वारा लोक वानिकी योजना के हितग्राहियों को राशि के वितरण का। इसके बाद वन विभाग ने सर्कस के एक मुफ्त शो का आयोजन किया था। इस आयोजन में राज्य के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री चौधरी चंद्रभानसिंह और पशुपालन मंत्री रमाकांत तिवारी स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ मौजूद थे। सर्कस में विभिन्न कलाबाजियों के अलावा महिलाओं का एक ऐसा भौंडा और अश्लील नृत्य का आयोजन किया गया था, जिसे आमतौर पर परिवार के साथ कोई भी बैठकर देखना पसंद न करे, लेकिन संस्कृति बचाने की वकालत करने वाले सरकार के ये दो मंत्री शायद इस आयोजन में इतने मशगूल हो गए थे कि यहाँ कला के नाम पर चल रही अश्लीलता उन्हें दिखाई नहीं दी।

बाद में संवाददाताओं द्वारा पूछे जाने पर बालाघाट के प्रभारी मंत्री चन्द्रभानसिंह ने स्वीकार किया कि उन्हें सर्कस में नहीं आना चाहिए था, लेकिन उनका कहना था कि जैसे ही अश्लील नृत्य होते देखा तो वे उठकर चले आए थे। उन्होंने माना कि परिवार और छोटे बच्चों की उपस्थिति में होने वाले आयोजन में ऐसा भौंडा प्रदर्शन सही नहीं है। दूसरी तरफ पशुपालन मंत्री रमाकांत तिवारी ने इस मामले में पूछे जाने पर कहा कि यह तो कला प्रदर्शन है। कला में प्रतिबंध लगाना सर्वथा अनुचित है और लगाया भी नहीं जा सकता है।

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