भारत की तलाश

 

Sunday, June 29, 2008

मांगी जानकारी भ्रष्टाचार की तो, करगिल कर दिया ट्रांसफर

केन्द्रीय विद्यालय, देवास में एक शिक्षक को भ्रष्टाचार के मामले में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी लेना उस समय मंहगा पड़ गया जब विघालय प्रशासन ने उसका स्थानांतरण करगिल (कश्मीर) कर दिया। अपने स्थानांतरण के विरोध में शिक्षक मांगीलाल कजोडिया ने बैंक नोट प्रेस देवास, जिसके परिसर में केन्द्रीय विद्यालय लगता है, के सामने सत्याग्रह शुरू कर दिया है। कजोडिया ने सत्याग्रह स्थल पर संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने विद्यालय में किताब खरीदी में अनियमितताएं, खेल मैदान के निर्माण में भ्रष्टाचार तथा अवैध रूप से वृक्षों की कटाई आदि मामलों में जब सूचना के अधिकार के तहत जानकारियां चाही तो विद्यालय प्रबंधन द्वारा न केवल उनका स्थानांतरण करगिल कर दिया गया बल्कि उनको उसी दिन मुक्त भी कर दिया गया जिस दिन उनको स्थानांतरण आदेश दिया गया था।

कजोडिया ने घोषणा की है कि वे 30 जून तक सत्याग्रह करने के बाद एक से 15 जुलाई तक एक दिन उपवास कर भूख हड़ताल करेंगे और उसके बाद वे आमरण अनशन शुरू कर देंगे। स्थानीय नेता तथा अनेक संगठन केन्द्रीय विघालय में कथित भ्रष्टाचार के मामले को लेकर कजोडिया के समर्थन में आ गये हैं। उधर विद्यालय प्रबंधन का कहना है कि उच्च अधिकारियों द्वारा किये गये स्थानांतरण का आदेश प्राप्त होने के बाद उन्होंने तो केवल आदेश का पालन किया है लेकिन प्रबंधन ने कजोडिया द्वारा उठाए गए भ्रष्टाचार के मुद्दे पर किसी प्रकार की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

हिंदी में, सूचना का अधिकार अधिनियम (pdf, 1.6MB, २६ पृष्ठ) यहाँ देखा जा सकता है।

7 comments:

राज भाटिय़ा said...

ये मेरा इंडिया! आज के युग मे सब उलट चल रहा हे यानि सच्चे का मुंह काला,झुठे का बोल बाला यही तो हे हमारा प्यारा भारत

Unknown said...

नौकरशाही इतनी आसानी से सुधरने वाली नहीं है, ईमानदारों को "आग पर चलना ही होगा"…

मसिजीवी said...

बलबिन्‍दर साहब पोस्‍ट के लिए शुक्रिया पर पोस्‍ट केवल तिलमिलाहट भर दे पाती है- अचछा रहे कि पोस्‍ट के साथ उसका स्रोत व लिंक भी रहे ताकि पाठक कुछ करने या आगे लिखने के विषय में सोच सके तथा प्राधिकारियों का पक्ष भी पता चल सके। यूँ भी अधिकारी-चिट्ठाकारों तो मानना यही रहा है कि RTI बस बेकार की चीज है जो उन्‍हें चैन से 'काम' नहीं करने देने के लिए बनाई गई है।

समयचक्र said...

yahi to hai mera india . yahan sab kuch ho sakata hai .

Udan Tashtari said...

क्या कहें!

डा. अमर कुमार said...

महान देश के कपूत भी तो महान ही होंगे,
और नवे नवे देसी साहब लोग, भारत भाग्यविधाता !

बलबिन्दर said...

masijeevi जी, … पोस्‍ट के साथ उसका स्रोत व लिंक … से मैं आपका मंतव्य समझ नहीं पाया।