पुलिस ने एक बेरोजगार की जिन्दगी बदलने की ठानी है। इंदौर पुलिस ने भेरू को पहले दुकान और अब पढ़ाई का इंतजाम करके यह बता दिया है कि वह भी जरूरतमंदों की मदद के लिए किसी से पीछे नहीं हैं। पुलिस का जिक्र आते ही अपराध, अपराधी और प्रताड़ना की तस्वीर उभर आती है। मगर इंदौर की पुलिस इस तस्वीर को झुठला देने वाली हैं।
मूसा खेड़ी इलाके में रहने वाले 17 वर्षीय भेरू यादव की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। वह रोजगार की तलाश में था। इसी दौरान उसकी मुलाकात संयोगिता गंज क्षेत्र की नगर पुलिस अधीक्षक इरबिन शाह से हुई। शाह ने भेरू की तकदीर ही बदलने की ठान ली। उन्होंने लगभग एक माह पहले संयोगिता गंज थाना परिसर में संजीवनी संस्था के माध्यम से भेरू के लिए चाय की दुकान खुलवाई। भेरू को जगह तो थाने में मिल गई मगर जरूरी वस्तुओं के लिए उसके पास रकम नहीं थी। पुलिस ने ही पैसे जुटाकर उसकी चाय की दुकान शुरू कराई।
आज वह दिन भर में 100 से 150 रुपए तक कमा लेता है। उसने कुछ पैसा जमा करना भी शुरू कर दिया है। भेरू की बीते दिनों पढ़ने की इच्छा जागी। उसने इसके लिए इरबिन शाह से मदद मांगी। शाह ने थाना परिसर में ही चलने वाले स्कूल की पांचवी कक्षा में दाखिला दिला दिया और पुस्तकें भी उपलब्ध करा दी। भेरू दिन में दो घंटे स्कूल में जाकर पढ़ता हैं और शेष वक्त में पुलिस को चाय पिलाने का काम करता है। इरबिन शाह बताती हैं कि पिछले दिनों अतिक्रमण हटाया गया था उसमें कुछ गुमटियां भी थाने तक पहुंची थी, उन्हीं में से एक गुमटी को सुधार कर भेरू के लिए तैयार किया गया।
भारत की तलाश
Wednesday, June 18, 2008
गरीब युवक को पढ़ा रही है इंदौर पुलिस
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1 comment:
वाह!! बड़ा उम्दा कार्य हो रहा है. साधुवाद.
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