राजधानी के मयूर विहार इलाके में दो बहनों ने अपनी जान की बाजी लगाकर दो चेन स्नैचरों का मुकाबला किया और एक को धर दबोचा। झपटमार ने उन पर गोली चलाई। जख्मी होने के बावजूद दोनों ने दबोचे गए बदमाश को नहीं छोड़ा। इतने में भीड़ जमा हो गई, जिसने इस लुटेरे को जमकर पीटा और फिर पुलिस के हवाले कर दिया। दूसरा लुटेरा भाग निकलने में कामयाब रहा।
बड़ी बहन को पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया है, जहां उसकी हालत स्थिर है। मयूर विहार इलाके के चिल्ला गांव में संतोष (35) छोटी बहन सुदेश (20) के साथ घर से थोड़ी दूर स्थित रोड के किनारे उपले थापने गई थी। सुबह करीब 6:30 बजे दोनों घर से सौ कदम की दूरी पर स्थित बिजली घर के पास ही पहुंची थी कि पल्सर मोटरसाइकिल सवार दो युवक वहां आए।। संतोष को काफी गहने पहने देख कर युवक वहां रूक गए। एक युवक ने संतोष के गले से सोने की चेन झपट ली तथा अन्य गहने भी झपटने लगा। इस पर दोनों बहनें बदमाश से भिड़ गईं।
काफी कोशिशों के बाद भी बदमाश जब खुद को उनके चंगुल से नहीं छुड़ा सका तो उसने अपने साथी से गोली चलाने के लिए कहा। बदमाश ने लड़कियों को डराने के लिए दो गोलियां जमीन की तरफ चलाईं, लेकिन दोनों ने उसके साथी को नहीं छोड़ा। इस पर उसने संतोष की तरफ निशाना साधते हुए गोली चला दी। गोली संतोष के कंधे के पास लगी। गोली के छर्रे छोटी बहन के हाथ और मुंह पर लगे। दोनों बहनों का शोर सुनकर लड़की के चाचा विनोद और संजय अन्य लोगों के साथ घटनास्थल की तरफ दौड़े। लोगों को आते देख एक बदमाश अपनी बाइक से भाग निकला।
बताते हैं कि एक रिक्शे वाले ने अपना रिक्शा अड़ाकर उसे रोकने की कोशिश भी की। दूसरे को लोगों ने दबोच लिया और जमकर धुनाई की। सूचना मिलते ही मयूर विहार थाने के एसएचओ राजेंद्र गौतम और इंस्पेक्टर अनिल कुमार शर्मा अन्य स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने बदमाश को हिरासत में लेकर तलाशी ली तो उसके पास से तीन कारतूस और मोबाइल फोन बरामद हुए। उसका नाम उमेश बताया गया है। संतोष को इलाज के लिए लालबहादुर शास्त्री अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से उसे होली फैमिली अस्पताल रेफर कर दिया गया। पुलिस का कहना है कि उमेश से दूसरे साथी के बारे में पूछताछ की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि संतोष शादीशुदा है और उसके पति गजराज सेना में कार्यरत हैं। इस समय अपने तीन बच्चों के साथ मायके आई हुई है। सुदेश ने बताया कि सुबह-सुबह अचानक हुई इस घटना से एक पल के लिए तो मैं सहम गई थी लेकिन मैंने फौरन होश संभाला और बदमाश से भिड़ गई। इलाके की महिलाओं का कहना है कि चेन झपटने की घटनाएं यहां पहले भी हो चुकी हैं, लेकिन अब शायद कोई बदमाश यहां इतनी हिम्मत शायद ही जुटा सके। पूरा गांव दोनों बहनों की इस बहादुरी पर नाज कर रहा है और हर एक की जुबान पर यही बात है कि जान की परवाह किए बगैर दोनों ने बदमाश को धर दबोचा।
पुलिस भी संतोष और सुदेश की बहादुरी की दाद दे रही है।
भारत की तलाश
Thursday, June 12, 2008
क्या इन्हें आप अबला नारी कहेंगे!?
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2 comments:
wah dono behno ki bahaduri ko naman :),jitni tariff karein kum hai,
दोनों बहनों की इस बहादुरी पर दाद देते हैं. वाह!
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