फिल्म 'नमस्ते लंदन' में तो अक्षय कुमार ने विरोधी पक्ष के छक्के छुड़ा दिए थे, बेसबाल के खेल में। वास्तविकता के धरातल पर उत्तर प्रदेश के ट्रक ड्राइवर के बेटे और अंग्रेजी न बोल सकने वाले रिंकू ब्रह्मादीन सिंह ने बेसबाल के एक Talent Hunt में ऐसा जोश दिखाया कि उन्होंने न सिर्फ इस प्रतियोगिता को जीता, बल्कि इस खेल की बारीकियों की बेहतर समझ के लिए वह अमेरिका रवाना हो रहे हैं।
एक अमेरिकी खेल कंपनी ने भारत के 30 शहरों में टैलंट हंट कराकर 30 हजार युवाओं के बीच से रिंकू और दिनेश कुमार पटेल को चुना है। दोनों युवा खिलाड़ियों को सैन फ्रैंसिस्को के जानेमाने प्रशिक्षकों से एक साल की ट्रेनिंग दी जाएगी। अगर इन्होंने ट्रेनिंग के दौरान उम्दा प्रदर्शन किया तो 2009 के सत्र में इन्हें मेजर बेसबॉल टीम में शामिल होने का मौका मिल सकता है।
मिलियन डॉलर आर्म हंट में रिंकू ने 89 मील प्रति घंटे की रफ्तार से बेसबॉल थ्रो करके सबसे तेज थ्रोअर के रूप में पहचान बनाई और एक लाख अमेरिकी डॉलर (करीब 40 लाख रु.) का पुरस्कार भी जीता। इस हंट में दिनेश दूसरे नंबर पर रहे। अमेरिकी राजदूत डेविड सी. मलफर्ड ने इनके चयन पर बधाई देते हुए कहा कि इन दोनों युवा खिलाड़ियों के लिए यह सुनहरा मौका तो है ही, Major Leauge Baseball के लिए भी यह अनोखा मौका है। इस लीग में दुनियाभर के कई खिलाड़ी चुने जाते हैं, लेकिन भारत से कोई खिलाड़ी इसमें हिस्सा नहीं ले रहा था।
भारत की तलाश
Sunday, May 4, 2008
ट्रक ड्राइवर के बेटे ने जीता अमेरिकी टैलंट हंट
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3 comments:
अच्छी खबर.
बढ़िया समाचार है
वाप का नाम रोशन कर दिया .
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