भारत की तलाश

 

Sunday, May 4, 2008

राष्ट्रपति की जमीन हथियाने की कोशिश

बॉर्डर की जमीन बिकने के बाद हरकत में आई, सीबीआई ने राष्ट्रपति के नाम की करीब 200 बीघा जमीन को हथियाने के षड़यंत्र का खुलासा किया है। श्रीगंगानगर के दो लोगों को गिरफ्तार करने के बाद सीबीआई अब इन भू माफिया केइरादे और नेटवर्क की पड़ताल में जुट गई है।

बीकानेर की छत्तरगढ़ तहसील में करीब दो सौ बीघा जमीन राष्ट्रपति के नाम रिकॉर्ड में दर्ज है। इसे अपने नाम कराने के लिए आरोपियों ने जाली दस्तावेज बनाकर बीकानेर कलेक्ट्रेट में पेश किए। बाद में राज्य सरकार ने 2006 में गृह मंत्रालय को पत्र भेजकर सूचना दी कि इस जमीन के आबंटन के संबंध में श्रम कल्याण मंत्रालय रोजगार एवं पुनर्वास मंत्रालय से प्राप्त दस्तावेजों जाली पाए गए हैं। इस पर गृह मंत्रालय के आदेश से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो, नई दिल्ली ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।

सीबीआई नई दिल्ली ब्रांच ने अनुसंधान में पाया कि श्रीगंगानगर जिले की अनूपगढ़ तहसील में सतराना निवासी मुख्तियार सिंह व उजागरसिंह ने राष्ट्रपति की जमीन हथियाने के लिए अर्जी पेश की। जिसके साथ गंगानगर के भू- प्रबंधन अधिकारी व पदेन एसडीएम का फर्जी बनाया आबंटन आदेश पेश किया गया था। सीबीआई ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर 4 अप्रैल को दिल्ली के अति. मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया था, लेकिन क्षेत्राधिकार नहीं होने से कोर्ट ने दोनों को जोधपुर स्थित सीबीआई कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया। इसके तहत आरोपियों को एसीजेएम सीबीआई मामलात महेंद्र कुमार मेहता की अदालत में पेश किया। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते जमानत से इनकार करते हुए दोनों को जेल भेजने का आदेश दिया।

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