दिल्ली सरकार की एंटी करप्शन ब्रांच ने अशोक विहार ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के एमएलओ (Motor Licensing Officer) प्रवीण देसाई को गिरफ्तार कर लिया है। देसाई का चपरासी रामसिंह भी पकड़ा गया, जबकि बीट कॉन्स्टेबल मिथलेश फरार है। इसी ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी का इंस्पेक्टर और सात दलाल पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं। ब्रांच के मुताबिक देसाई का वेतन 19 हजार रुपये है, जबकि उनकी हर दिन की कमाई एक से सवा लाख रूपए थी। उनके पास साउथ दिल्ली में पांच करोड़ रुपये का घर है, जिसके बाथरूम में भी एसी लगे हुए हैं।
एंटी करप्शन ब्रांच के अडिशनल कमिश्नर एन. दिलीप कुमार ने बताया कि अशोक विहार ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी में ड्राइविंग लाइसेंस दलालों और बिचौलियों के माध्यम से रिश्वत लेकर बनाए जा रहे थे। इस इलाके का बीट कॉन्स्टेबल मिथलेश इस रिश्वतखोरी में मदद करता था। ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी का एक इंस्पेक्टर एक दिन में 100-125 ड्राइविंग लाइसेंस ही बना सकता है, लेकिन यहां हर दिन 250-300 लाइसेंस बनाए जा रहे थे। यहां तक कि बिचौलिए ही अफसरों को काम में मदद कर रहे थे और ये लोग ही उम्मीदवार का ड्राइविंग टेस्ट लेते थे। यह जानकारी मिलने के बाद एंटी करप्शन ब्रांच ने अशोक विहार ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी में कई दिन तक स्टिंग ऑपरेशन किया। रिश्वतखोरी की विडियो और ऑडियो रिकॉडिंग की गई। सबूत मिलने के बाद इंस्पेक्टर नरेंद्र सिंह राणा और सात दलालों को गिरफ्तार किया गया। इस दौरान कई दस्तावेज बरामद किए गए। इसके बाद गुरुवार को एमएलओ प्रवीण देसाई और उनके चपरासी राम सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। राम सिंह रिश्वतखोरी में हाथ बंटाता था। अब इस एरिया के बीट के सिपाही मिथलेश और दलाल महेश की तलाश की जा रही है। दोनों फरार हो गए हैं।
नवभारत टाइम्स को अफसरों ने बताया कि प्रवीण देसाई ने पिछले साल साउथ दिल्ली की पॉश कॉलोनी ग्रीन पार्क एक्सटेंशन में फ्लोर खरीदा था। इसकी बाजार में कीमत 4.5-5 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इस फ्लैट में छह एसी लगे हैं। बाथरूम में भी एसी लगा हुआ है। देसाई की सैलरी 19 हजार रुपये है। उनकी पत्नी हाउसवाइफ हैं। ब्रांच के अफसर के मुताबिक, गिरफ्तार मुलजिमों से पूछताछ में जानकारी मिली है कि देसाई की हर दिन की कमाई एक से सवा लाख रुपये थी।
भारत की तलाश
Saturday, May 17, 2008
वेतन १९ हजार, एक दिन की कमाई सवा लाख
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