बलात्कार की शिकार एक महिला ने पंजाब पुलिस द्वारा अपराधियों के खिलाफ रिपोर्ट न लिखने के कारण अर्धनग्न होकर विरोध प्रर्दशन किया जिसके कारण पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। पीड़ित ने सोमवार, 19 मई को अपने कपड़े उतार दिए और भीड़-भाड वाले फिरोजपुर-लुधियाना राजमार्ग पर पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई न किए जाने पर चिल्ला-चिल्लाकर विरोध प्रदर्शन किया। रास्ते पर चलने वाले लोग इस तरह के विरोध को देखकर हतप्रभ रह गए।
पुलिस थाने से केवल सौ मीटर की दूरी पर पीड़िता ने विरोध प्रदर्शन किया। एक राहगीर ने इसकी सूचना थाने में दी। थोड़ी देर में ही पुलिस ने महिला को पुलिस हिरासत में ले लिया। गिरफ्तारी के लिए किसी महिला पुलिस को नहीं बुलाया गया था। इस घटना से शर्मसार पुलिस ने घोषणा की कि उसने पीड़ित महिला के बयान को लिख लिया है और उसने दो लोगों के खिलाफ कथित रूप से बलात्कार का मामला दर्ज किया है। जिला पुलिस प्रमुख अशोक भट्ट ने कहा कि महिला के विरोध प्रदर्शन से पहले ही मामला दर्ज कर लिया गया था। हालांकि उन्होंने कहा कि महिला द्वारा शिकायत करने के बाद कुछ देरी जरूर हुई क्योंकि पुलिस उस दौरान मामले की जांच कर रही थी।
इस महिला का आरोप है कि उसकी बेटी के सामने ही उसके दो रिश्तेदारों ने उसके साथ बलात्कार किया। इसकी शिकायत लेकर जब वह पुलिस के पास गई तो उसकी शिकायत दर्ज करने के बजाए उसे भगा दिया गया। इस घटना के बाद वह मोगा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में भी गई लेकिन वहां भी उसकी शिकायत नहीं सुनी गई। मजबूर होकर इस महिला ने मोगा की बाजार के बीच में खड़े होकर अपने कपड़े उतारकर और अपना सीना पीट-पीटकर लोगों को अपनी आप बीती सुनानी लगी।
भारत की तलाश
Wednesday, May 21, 2008
महिला ने बीच बाजार कपड़े उतार कर विरोध प्रदर्शन किया: क्या इसे गांधीगिरी कहेंगे?
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5 comments:
ये किसी भी औरत के आक्रोश की पराकाष्ठा है। साथ ही पुरुषों के लिए एक ऐसा सबक जिसे समझकर भी वे कभी समझेंगे नहीं। दरअसल जिस समाज में औरत को अपनी बात कहने के लिए कपड़े उतारने की नौबत आ जाए, उस समाज की नंगई का अंदाजा लगाया ही जा सकता है।
sach me sonchna padega
This is the height of frustration of a woman but then you need exceptional device to counter exceptional problem
i would call this act a "slap" on the face of indian society where woman is still treated as a commodity . rapist should not be protected . if there is a rapist in our homes we should handover them to the police instead of protecting them . a woman who is raped and still not heard will resort to such a thing naturally. the administration and police should be taken to task instead of questioning this wwomans act , the heading this blog post should "what punishment should be given to callous society , adminstration and law where a woman has to resort to such practice " i stand by this woman and applaud what she did
javed ahmed,09415273262
kya hum usi hindustan ki nasl hain jahan aurat ko maa, bahan, biwi aur beti ka paak darja diya jata hai?agar haan to aaj hamari maa, bahan, biwi aur beti nangi ho gayi hai aur iske zimmedar hum khud hain.
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