प्रेमिका (सॉरी, आजकल इन्हें गर्ल फ्रेंड कहते हैं) को फिल्में दिखाना, रेस्तरां में खाना खिलाना और उससे मोबाइल पर घंटों बातें करने का खर्च बाहर से आ कर किसी शहर में पढ़ने वाले छात्रों की जेब पर भारी पड़ रहा है। इसके साथ बाइक का खर्च, दोस्तों के साथ जाम छलकाने और महंगे कपड़े आजकल के 'बच्चों' की दुखती रग बन गए हैं।
घर से मिलने वाले तयशुदा पैसों में यह सारे खर्चे पूरे नहीं हो पाते हैं। इसके लिए इन छात्रों ने कई तरीके निकाल लिए हैं। मोबाइल फोन और लैपटॉप बेचकर, उनकी चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराकर वे अपने खर्चे पूरे कर रहे हैं। ऐसे मामले हर रोज सामने आ रहे हैं। कासना थाने में ही इस तरह का मामला हर तीसरे दिन आ जाता है। पुलिस की जांच में यह बात साबित हो गई है कि अपने खर्चे पूरे करने के लिए ये छात्र ऐसा काम कर रहे हैं। वे सामान चोरी होने का बहाना बनाकर घर वालों से पैसा वसूल लेते हैं।
मीडिया में आयी खबरों के अनुसार, ग्रेटर नोएडा के संस्थानों में करीब 40 हजार छात्र हैं। बदलते लाइफस्टाइल ने इनके खर्चे भी बढ़ा दिए हैं। वे सबसे ज्यादा अपनी गर्ल फ्रेंड के ऊपर खर्च करते हैं। बात चाहे उसे मूवी दिखाने की हो या फिर रेस्तरां में खाना खिलाने की हो, सभी कामों में वे खुलकर पैसे खर्च करते हैं। इसके अलावा रात में घंटों मोबाइल फोन पर बातें करने का बिल भी हजारों में आता है। वहीं बाइक से लॉंग ड्राइव पर जाना और दोस्तों के साथ जाम छलकाना भी जेब ढीली कर देता है, लेकिन उनको एक निश्चित रकम ही मिलती है। बढ़े खर्च को पूरा करने के लिए स्टूडेंट्स कुछ अलग रास्ते निकाल रहे हैं।
स्टूडेंट्स ने अपने महंगे मोबाइल फोन और लैपटॉप बेचने शुरू कर दिए हैं। इनको बेचकर वे अपने परिजनों को चोरी की सूचना देते हैं। कुछ छात्रों के पालकों को अपने सपूतों के कारनामों का आभास होता है, ऐसे में ये 'लायक बेटे' सामान की चोरी के सबूत के तौर पर थाने में रिपोर्ट दर्ज करा देते हैं। ग्रेटर नोएडा के कासना थाने के इंचार्ज गुलजार अहमद के अनुसार उनके पास हर तीसरे दिन ऐसी चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराने स्टूडेंट्स आते हैं। चोरी होती है लैपटॉप और महंगे मोबाइल की। उन्होंने बताया कि लैपटॉप चोरी के मामले बढ़ने की जांच की गई, तो आश्चर्यजनक तथ्य सामने आए। कई स्टूडेंट्स से कड़ी पूछताछ की गई, तो उन्होंने लैपटॉप बेचने की बात स्वीकार कर ली। इसके साथ ही उन्होंने थाना इंचार्ज से प्रार्थना की कि उनके परिजनों को यह बात न बताई जाए।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा कुछ स्टूडेंट्स लूट और चैन स्नैचिंग जैसी वारदात में भी अंजाम देते हैं। करियर को ध्यान में रख पुलिस इनके प्रति नरम रुख अपनाती है, जिसका ये फायदा उठाते हैं।
भारत की तलाश
Thursday, May 8, 2008
लैपटॉप बेचकर गर्ल फ्रेंड को खुश कर रहे हैं छात्र
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
5 comments:
chintajanak isthiti!! parijano ko dhyan dena chahiye.
मुझे अपने कालेज के दिनों की बात याद है जब मेरे होस्टल में मेरे ही फ्लोर पर एक लड़के के कमरे से लगभग 30-35 साइंटिफिक कैलकुलेटर, 10-15 मोबाईल और भी कई इलेक्ट्रोनिक उपकरण बरामद हुये थे..
एक बात जो छूट गई, मुझे अपने कालेज में 3 सालों के दौरान कम से कम 6-7 मोबाईल यूं ही कहीं परे हुये मिले थे और उन्हें वापस करने के चक्कर में भी कई पापड़ बेलने परे थे.. मेरे दोस्त अक्सर मजाक में कई बार ये कहते थे की उसे बेच देते तो तुम भी अभी तक N-Series वाले होते.. :)
हमने तो सुना एक छात्र ने दोस्तों से मिल खुद को अगवा बता करके घर वालों से पैसे वसूलने चाहे और पुलिस में धरा गये. तभी ये ज्यादा सेफ वाला आईडिया दिमाग में आया होगा. हद है भई!!
पता नहीं सबकी मानसिकता को क्या हो रहा है।
Post a Comment