भारत की तलाश

 

Wednesday, May 14, 2008

बरस रहे हैं नोट, मोबाईल हो रहे रिचार्ज, बिना मांगे!?

आजकल विभिन्न बोर्ड की दसवीं और बारहवीं के इम्तिहानों की उत्तर पुस्तिकाएं रुपये उगल रही हैं। केन्द्रीय मूल्यांकन केन्द्रों पर ये नजारे दिख रहे हैं। कॉपी जांचने में लगे परीक्षकों के लिए रुपये आकर्षण पैदा किए हुए हैं। परीक्षक उत्तर पुस्तिका जांचने से पहले नोट तलाशते हैं। इस बार कड़ी व्यवस्था और नकल विरोधी अभियान ने जहां नकलची छात्रों को निराश किया है, वहीं उन्होंने पास होने के लिए टीचरों तक सीधे घूस पहुंचाने की नई तरकीब निकाली है। परीक्षा मूल्यांकन केन्द्रों पर बड़े पैमाने पर 100-50 व 10 रु. के नोट मिल रहे हैं। इनके साथ स्टूडेंट्स की छोटी सी और रोचक अपील भी है।

परीक्षकों के मुताबिक इस बार मैथ्स, फिजिक्स, केमिस्ट्री और अंग्रेजी के पेपरों में छात्र बुरी तरह से फेल हो रहे हैं। एक परीक्षक ने बताया कि उसे 70 उत्तर पुस्तिकायों का एक बंडल जांचने के लिए मिला था। सभी में 100 से 200 रु. तक के करेंसी नोट लगे थे। इस प्रकार एक बंडल ने करीब 10 हजार के नोट एक ही दिन में उगल दिए। नियम के मुताबिकउत्तर पुस्तिका में नोट लगाना व इसे सीधे परीक्षकों द्वारा हजम कर जाना दोनों ही आपराधिक काम हैं और दंडनीय अपराध भी। पर फिलहाल इस मामले को संजीदगी से नहीं लिया जा रहा है।

एक और तरीका भी देखने में आ रहा है, जिसमें उत्तर पुस्तिका में लिखे गए मोबाईल नंबर पर जब कोई जांचकर्ता रिंग करता है तो थोड़ी ही देर में उसके मोबाईल पर ५०० या १००० रूपयों के रिचार्ज होने का एसएमएस आ जाता है!

1 comment:

Prabhakar Pandey said...

बिलकुल। पता नहीं कब सुधरेंगे हम। लेकिन सरकार द्वारा ऐसे अपराधों को नजरअंदाज करना न समाज हित में है ना देश हित में।