भारत की तलाश

 

Sunday, March 30, 2008

ये इश्क नहीं आसां, ख़ुद को दरिया में डुबायो, आग से बचो

आज भी हम कुछ इस तरह की पंक्तियाँ पढते है 'ये इश्क नहीं आसान, बस यूँ समझ लीजे, इक आग का दरिया है, डूबकर जाना है ...' यहाँ भी कुछ-कुछ ऐसा ही है, फर्क इतना है कि अगर दरिया में नहीं डूबते तो आग लग ही जाती।

सुनकर यकीन नहीं होता, लेकिन 14 मार्च को पुणे के पास बारामती में हुए विमान हादसे के बारे में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय की रिपोर्ट में यही पाया गया है। विमान में तकनीकी खराबी नहीं थी, बस पायलट विमान उड़ाने के बजाय आपस में रोमांस करने में व्यस्त थे। नतीजतन विमान नाक के बल सीधे नदी में जा गिरा।

रिपोर्ट के मुताबिक वीटी-एसी विमान में तकरीबन बीस साल की उम्र के पुरुष और महिला प्रशिक्षु पायलट सवार थे। डीजीसीए की रिपोर्ट में कहा गया है कि कारवर एविएशन एकेडमी के इन प्रशिक्षु पायलटों ने कॉकपिट की मर्यादा तोड़ी, जिसके कारण विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ। सूत्रों ने बताया, ‘दोनों प्रशिक्षु पायलट रोमांस में इस कदर डूबे हुए थे कि विमान का नियंत्रण उनके हाथ से निकल गया’। इस दुर्घटना में दोनों प्रशिक्षु पायलट तो सकुशल बच गए, लेकिन विमान बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था।

दैनिक भास्कर के अनुसार, इस मामले की जांच डीजीसीए के मुंबई क्षेत्र की सुरक्षा शाखा के इंचार्ज संजय ब्रम्हाने ने की है। उन्होंने बताया कि नियमों के मुताबिक, एकेडमी के चीफ फ्लाइट इंस्ट्रक्टर की यह जिम्मेदारी होती है कि वह एक प्रशिक्षक को विमान के साथ भेजे। सूत्रों ने यह भी कहा कि अगर विमान नदी में गिरने की बजाय किसी आवासीय इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हुआ होता तो एक बड़ा हादसा हो सकता था।

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