भारत की तलाश

 

Sunday, March 16, 2008

रिवार्ड देने से कतरा रही सरकार: खुफियागिरी से वसूले करोडों!

एक महिला की खुफियागिरी पर सरकार ने एक शैक्षणिक संस्थान से आयकर के रूप में करोड़ों रूपए वसूले मगर महिला को सम्मान के तौर एक कौड़ी भी देने को तैयार नहीं है। महिला ने सरकार के इनकार के बाद रिवार्ड के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर एवं न्यायमूर्ति एसएल भ्याना की दो सदस्यीय खंडपीठ ने संगीता वैद्य की मांग पर केंद्र सरकार व आयकर विभाग को नोटिस जारी किया है और 6 सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है। याचिकाकर्ता संगीता वैद्य, जो कि अरविंद गुप्ता डीएवी स्कूल ऑट्रम लाइन की पेरेंट्स टीचर एसोसिएशन की उपाध्यक्ष हैं, ने याचिका में कहा है कि उसने सरकार के कई विभागों को पत्र लिखकर डीएवी कॉलेज ट्रस्ट एवं मैनेजिंग कमेटी में वित्तीय अनियमितता एवं आयकर छुपाने की जानकारी दी। डीएवी कॉलेज ट्रस्ट एवं मैनेजिंग कमेटी के देश भर में सैकड़ों स्कूल व कॉलेज चल रहे हैं।

याचिकाकर्ता ने कहा कि इस बाबत उसने सरकारी अधिकारियों से निजी रूप से भी मिली और उपरोक्त संस्थान की वित्तीय अनियमितता एवं आयकर छुपाने की जांच की मांग की। उनके वकील अरूण अरोड़ा ने कोर्ट को बताया कि उनके मुवक्किल की शिकायत पर आयकर विभाग ने डीएवी सोसाइटी के खातों का आकलन किया तो पाया कि एक साल में मुनाफा करोड़ों में है, जबकि सोसाइटी ने अपना मुनाफा शून्य कर दिया। आयकर विभाग के सहायक आयुक्त (ई) ने डीएवी सोसाइटी के खाता का आकलन किया तो 21 करोड़ 77 लाख 37 हजार एक सौ रूपए इनकम पाई गई, जबकि सोसाइटी ने अपने रिटर्न में मुनाफा शून्य दिखाया था।

याचिकाकर्ता ने कहा कि उसने सरकार को संस्थान के छुपे हुए आयकर का खुलासा करने में मदद की है और इससे सरकार ने सोसाइटी से करोड़ों रूपए वसूले। लिहाजा सरकार को चाहिए कि सोसाइटी पर जो जुर्माना लगाया है उनमें से दस फीसद रकम उनको रिवार्ड के तौर पर दे। साथ ही कहा है कि सरकार ने कानून में ऐसा प्रावधान कर रखा है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि रिवार्ड के लिए उसने संबंधित अधिकारी को पत्र भी लिखा, मगर उनको रिवार्ड देने से इनकार कर दिया। सरकार का यह रवैया एक नागरिक के प्रति सम्मानजनक नहीं है। कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई 9 अप्रैल को करेगी।

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