भारत की तलाश

 

Friday, March 28, 2008

मां ने हवस में बाधक बेटे को मार डाला

हवस में अंधी एक कलयुगी मां ने अपने कलेजे के टुकड़े को ही मार डाला। मां-बेटे के पवित्र रिश्ते को तार-तार करते हुए उसने क्रूरता की सारी सीमाएं लांघ कर वर्षीय पुत्र की पीट-पीट कर हत्या कर दी। नरकटियागंज, बिहार के देवीस्थान मोहल्ले में हवस की भूख में बाधक इकलौते बेटे को बुधवार, २६ मार्च की रात एक मां ने पीट-पीट कर मार डाला। फिर देर रात बच्चे को अस्तपाल ले गई और वहां छोड़ खुद भाग निकली। कलयुगी मां मीना देवी को बेटे गोलू की हत्या के आरोप में नामजद किया गया है। प्रथम दृष्टया मामला महिला के बदचलन होने की वजह से बेटे को रास्ते से हटाना प्रतीत होता है।

जानकारों के अनुसार मीना की शादी बैरगनिया हुई थी जिसे दस वर्ष पूर्व उसके पति ने छोड़ दिया। लोगों का कहना है कि प्राय: वह इकलौते बेटे गोलू (9 वर्ष) को पीटती रहती थी। गोलू काफी चंचल स्वभाव का था। घर में किसी को आने-जाने में वह बाधक बन जाता था। इस बाधा को दूर करने के लिए मां मीना ने ही क्रूरता की सीमा पार करते हुए पैना व फट्ठा आदि से पीट-पीट कर उसे अधमरा कर दिया। फिर वह गोलू को साढ़े दस बजे रात में अस्पताल ले गयी। जब चिकित्सा प्रभारी डा. अरुण कुमार और डा. चन्द्रभूषण बच्चे के पास पहुंचे तो वह भाग निकली और बच्चे ने दम तोड़ दिया। खबर पाकर थानाध्यक्ष एक पदाधिकारी के साथ अस्पताल पहुंचे। पुलिस ने बच्चे की शिनाख्त कर ली और मां द्वारा बेरहमी से पीट कर इकलौते बेटे को मार डालने का खुलासा हो गया।

दैनिक जागरण के अनुसार उसने कुकर्म में बाधक बन रहे बेटे को रास्ते से हटाने के लिए उसकी हत्या कर दी। शिकारपुर थानाध्यक्ष सत्येन्द्र प्रसाद सिंह ने बताया कि बच्चे के शरीर पर जख्म के अनगिनत लाल और काले निशान हैं। पुलिस इस करतूत में शामिल हत्यारी मा के अन्य सहयोगी की शिनाख्त में लगी है।

1 comment:

Unknown said...

some body pls. kill that lady