भारत की तलाश

 

Friday, October 31, 2008

राज्यसभा के सभापति की कुर्सी टूट गयी और कई घंटों तक 'जुगाड़' से चली

कुर्सी जुगाड़ से चलती है। यह तो सभी सुनते और जानते हैं। कुर्सी जितनी ही बड़ी हो, उसे चलाने के लिए जुगाड़ भी उतना ही बड़ा करना पड़ता है। ऐसा ही वाकया पिछले दिनों राज्यसभा में देखने को मिला। राज्यसभा के सभापति की कुर्सी कई घंटे तक जुगाड़ से चलती रही और मजे की बात यह कि इस जुगाड़ के बारे में क्या मंत्री और क्या संतरी, सभी को पता था।

दरअसल हुआ यह कि राज्यसभा में सभापति की कुर्सी का पेंच निकल गया और आसन पर बैठे उपसभापति गिरते-गिरते बचे। आनन-फानन में सदन की कार्यवाही रोक कुर्सी को सीधा रखने के लिए पहले जुगाड़ किया गया। बाद में जांच शुरू की गयी। राष्ट्रीय सहारा में कुणाल लिखते हैं कि आमतौर पर कुर्सी का टूटना बड़ी बात नहीं है। लेकिन संसद में उसमें भी सभापति के कुर्सी का पाया टूटना कोई छोटी बात भी नहीं है। कुर्सी का पाया टूटने के कारण उपसभापति के रहमान खान गिरते-गिरते बचे। भले ही उपसभापति ने इस घटना को हंस कर टाल दिया।

कहने को भले ही कुर्सी का पाया टूटने की बात छोटी कहें पर जिस तरह से लाखों रूपए संसद और उसके रखरखाव पर खर्च किए जाते हैं, ऐसे में निश्चित रूप से यह एक बड़ी घटना है। सभापति की कुर्सी में गड़बड़ी का पता उस समय चला जब सदन में 23 अक्टूबर को शून्यकाल के दौरान मालेगांव और मोडसा में विस्फोट की घटनाओं में कुछ हिन्दू संगठनों के कथित रूप से शामिल होने के बारे में सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों के बीच तीखी बहस हो रही थी। इसी दौरान आसन पर विराजमान उपसभापति बार-बार कुर्सी पर आगे पीछे होकर सदस्यों को शांत कर रहे थे। वे कभी खड़े होकर प्लीज-प्लीज कह रहे थे तो कभी कुर्सी पर बैठकर कुर्सी को आगे-पीछे खिसका कर सदस्यों को शांत रहने और अपनी सीट पर बैठने को कह रहे थे।

इसी दौरान रहमान को अहसास हुआ कि उनकी कुर्सी का पुर्जा या तो हिल गया है या फिर टूट चुका है। कुर्सी को बार-बार हिलते देख हंसी-मजाक के लिए मशहूर रेल मंत्री लालू प्रसाद यह कहते सुने गए कि कुर्सी को टिकाने के लिए दो ईंट क्यों नहीं लगा देते। रहमान खान को कुर्सी में खराबी के चलते सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। इस दौरान कुर्सी की मरम्मत नहीं हो सकी। उसी कुर्सी के ऊपर दूसरी कुर्सी रखकर कार्यवाही का संचालन किया गया।

पूरे संसद परिसर में सभी तरह के रखरखाव का जिम्मा सीपीडब्ल्यूडी का है।

4 comments:

आशीष कुमार 'अंशु' said...

यह हंसने वाली बात है या रोने वाली यह भी कहें

Vivek Gupta said...

चलिए इससे कुर्सी का रख रखाव कैसा चल रहा है इसका पता चला | सुंदर चित्रण |

Anonymous said...

यह इंडिया है यहाँ जुगाड़ तो सबसे पहले

राज भाटिय़ा said...

राज्यसभा के सभापति यार यह ओर कितना गिरेगे, अब तो कुर्सी भी इन्हे ध्क्के मारने लगी है, जेसे कह रही हो जाओ मरो यहां से..