भारत की तलाश

 

Sunday, October 12, 2008

बॉयफ्रेंड के लिए करवा चौथ का व्रत

वक्त तेजी से बदला है। अब कई गैरशादीशुदा लड़कियां अपने बॉयफ्रेंड के लिए व्रत रखती हैं। वे दिन चले गए जब केवल सुहागिनें ही करवा चौथ का व्रत रखती थीं। अब लड़कियों का कहना है कि जो मन को पसंद हो उसकी लंबी उम्र के लिए व्रत रखा जा सकता है। शादी का बंधन इसमें कहां से आड़े आता है। फरीदाबाद के प्रख्यात पंडित मुनिराज महाराज का कहना है कि शास्त्रों में किसी की भी लंबी उम्र के लिए व्रत करने का विधान है। इसके अलावा करवा चौथ कथा के आधार पर अपने मंगेतर या बॉयफ्रेंड के लिए व्रत रखा जा सकता है।

अब जमाने का रूख बदल रहा है। इसके चलते जहां वैलंटाइन डे को लेकर जवान दिलों में उत्साह रहता है, वहीं अब करवा चौथ के व्रत को लेकर भी युवा वर्ग रोमांचित है। आज की पीढ़ी की सोच बदलने के कारण ही अब लड़कियां अपने बॉयफ्रेंड लिए व्रत रखने लगी हैं। सामाजिक दीवार आड़े न आए, इसके चलते ये जोड़े मोबाइल क्लिपिंग के जरिए अपने साथी का दीदार करेंगे।

दीपशिखा कौशिक नवभारत टाईम्स में लिखतीं हैं कि सैनिक कॉलोनी में रहने वाली व विमिन कॉलेज की श्वेता (बदला नाम) इस बार वह दूसरी बार अपने बॉयफ्रेंड के लिए व्रत रखेंगी। उन्होंने बताया कि वह सुबह 4 बजे सरगी खाती हैं, जिसमें नारियल, थेमियां और मीठी मट्ठी होती है और रात में चांद निकलने पर अपनी आंखें बंद करके अपने बॉयफ्रेंड का चेहरा देखकर अपना व्रत खोलती हैं। लड़कियां करवा चौथ की कथा को भी पढ़ती हैं और रात को चांद देखकर अरग देती हैं, जब आंख खोलती हैं, तो मोबाइल पर बॉयफ्रेंड की फोटो देख लेती हैं। डीयू विद्यार्थी कनिका (बदला नाम) का कहना है कि वह पहली बार व्रत लेंगी। उसके अनुसार यदि आपको कोई अच्छा लगता है, तो उसकी लंबी उम्र के लिए एक व्रत करने में क्या हर्ज है? हालांकि वह भी कहती हैं कि सामाजिक अड़चनों के चलते वह छुपकर ही व्रत रखेंगी।

4 comments:

श्रीकांत पाराशर said...

Sahi kaha aapne aisa ho to raha hai parantu paramparaon men bhi kuchh to khas ras hai. Ajkal ki ladkiyan bhi karva choth rakhne lagi hain rakhen parantu jaise valentines day hai usi prakar karva choth ka bhi koi vikalp kyon nahi nikal leti hain? Matlab saf hai ki kuchh hud tak ve bhi man se judi hain in manytaon se. yah alag baat hai ki unhe apane marg men jo parampara badha dikhai deti hai usse ve nak bhon sikodti hain aur baaki ki unhe manjoor hain.

सुनील मंथन शर्मा said...

he iswar! tum yahan bhi ho

राज भाटिय़ा said...

:) :) अब हम ने तरक्की कर ली है , पिता को हम हाय डॆड भी तो कहते है,राम चन्द्र कह गये सीया से......
धन्यवाद

राजीव जैन said...

pata nahi apne liye kaun karega !