भारत की तलाश

 

Tuesday, August 26, 2008

पति के लिए, अपनी पत्नी को, कुछ परिस्थितियों में पीटना तर्कसंगत

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे (National Family Health Survey-3) की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र में आधी से अधिक महिलाएं 18 वर्ष आयु से पहले ही अपना कौमार्य खो देती हैं, जबकि पुरूष अपना पहला शारीरिक संबंध 24 वर्ष से पहले बनाते हैं। सर्वे के मुताबिक महाराष्ट्र में समय से पहले शादी की परंपरा की वजह से 15 से 24 वर्ष के आयु वर्ग में शारीरिक संबंध बनाने वालों में महिलाओं की संख्या पुरूषों की तुलना में अधिक है। हाल में जारी इस रिपोर्ट में शहरी और ग्रामीण महाराष्ट्र की जनसंख्या, स्वास्थ्य और पोषण के बारे में जानकारी दी गई है।

लगभग 39 प्रतिशत महिलाओं की शादी कानून द्वारा निर्धारित 18 वर्ष से कम उम्र में हो जाती है जिसके चलते वे किशोरावस्था में गर्भवती होने के लिए मजबूर होती है। राज्य में किशोरावस्था में 14 प्रतिशत महिलाएं गर्भधारण करती हैं। यह रिपोर्ट 9,034 महिलाओं और 8, 867 पुरूषों के साथ बातचीत पर आधारित है। रिपोर्ट में बताया गया है कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को शहरी क्षेत्र के महिलाओं की तुलना में दोगुना बच्चों को जन्म देना पड़ता है। रिपोर्ट में गर्भनिरोधकों के इस्तेमाल के बारे में बताया गया है कि राज्य में विभिन्न गर्भनिरोधक उपायों के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। हालांकि कई महिलाओं को अभी तक यह भी जानकारी नहीं है कि कंडोम से एचआईवी या एड्स से बचा जा सकता है। देश में गर्भनिरोधक उपाय अपनाने वाले राज्यों में महाराष्ट्र का पांचवा स्थान है।

महाराष्ट्र में केवल 47 प्रतिशत महिलाओं के पास यह जानकारी है कि कंडोम के लगातार इस्तेमाल से एड्स से बचा जा सकता है और 30 प्रतिशत महिलाओं के पास इसकी व्यापक जानकारी है। रिपोर्ट के मुताबिक राज्य की आधी से अधिक महिलाएं अनीमिया से ग्रसित हैं, जबकि 17 प्रतिशत पुरूष अनीमिया से ग्रसित हैं। छह महीने से पांच वर्ष तक की आयु वाले बच्चे भी अनीमिया से ग्रसित हैं।

रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य में हर तीन विवाहित महिला में से एक ने परिवार के सदस्यों से शारीरिक या यौन हिंसा का सामना किया है। 51 प्रतिशत महिलाओं का मानना है कि पति के लिए अपनी पत्नी को कुछ परिस्थितियों में पीटना तर्कसंगत होता है। लगभग 30 प्रतिशत महिलाओं को अपने पति से थप्पड़ खाना पड़ता है। आठ से 12 प्रतिशत महिलाओं के बांह मरोड़े गए है। उनके बाल खींचे गए, धक्का मारा गया, पैर से पीटा, घसीटा गया और उन पर कुछ फेंका गया है। रिपोर्ट के मुताबिक केवल एक प्रतिशत महिलाओं ने अपनी पति का विरोध किया।

उपरोक्त रिपोर्ट डाउनलोड की जा सकती है (pdf फॉरमेट में, लगभग 9.7 MB)
अंग्रेजी में यह समाचार यहाँ देखें

1 comment:

दिनेशराय द्विवेदी said...

महत्वपूर्ण रिपोर्ट है। इस से अधिक सच्ची रिपोर्ट तैयार कर पाना संभव नहीं है। इसी संस्थान के एक दूसरे प्रोजेक्ट में मेरी बेटी वरिष्ठ अनुसंधान अधिकारी है। वहाँ जितने श्रम से काम किया जाता है उसे देख इस रिपोर्ट के परिणामों एक दम सही कहा जा सकता है।