भारत की तलाश

 

Monday, August 4, 2008

जेल में बंद सांसद शहाबुद्दीन, आईएसआई और कश्मीरी आतंकवादियों के लगातार संपर्क में

37 मोबाइल, 10 अतिरिक्त मोबाइल सिम, 19 मोबाइल बैट्री चार्जर,सात अतिरिक्त मोबाइल बैट्री, एक अवैध पंखा, आठ धारदार हथियार, चाबुक, 15 टेलीफोन डायरी, अन्य अभिलेख, एक हेडफोन एवं सात विदेशी परफ्यूम की बोतलों के अतिरिक्त गुटखा के पैकेट! यह सब बरामद हुया जिलाधिकारी वंदना प्रियदर्शी व पुलिस अधीक्षक उमेश कुमार के नेतृत्व में रविवार को पूर्वाह्न साढ़े चार बजे, बिहार के सिवान जिला जेल में की गयी छापेमारी में। डीएम ने बताया कि छापेमारी में सांसद शहाबुद्दीन के पास से ही सात मोबाइल फोन के अतिरिक्त सात मोबाइल चार्जर बरामद किए गए। जब शहाबुद्दीन की जेल बैरक पर छापा मारा गया तो उसने जेल कर्मचारियों की मदद से ही अपने मोबाईल और सिम कार्ड छिपाने की कोशिश की मगर इन कोशिशों में वह कामयाब नहीं हो सका।

साढ़े चार घंटे तक चली कार्रवाई में जेल के सभी 27 वार्डो से दर्जनों मोबाइल फोन अतिरिक्त सिम कार्ड, टेलीफोन डायरी और उनमें दर्ज सैकड़ों लोगों के नम्बर तथा विदेशी परफ्यूम के अलावा कई अन्य आपत्तिजनक सामान बरामद हुए। रईस खां के कमरे से दो, जितेन्द्र स्वामी के पास से चार मोबाइल व आठ अतिरिक्त सिम बरामद किये गये। उन्होंने कहा कि बरामद आपत्तिजनक सामानों के बारे में जेल मैनुअल के तहत कानूनी कार्रवाई का आदेश दे दिया गया है। जेल में छापामारी के कार्यक्रम पूरी तरह गुप्त रखा गया था जिससे जेल में इस दल के पहुंचते ही कैदियों में हड़कंप मच गया। सीवान की जिला कलेक्टर वंदना प्रियदर्शी के अनुसार, शहाबुद्दीन ने पुलिस अधिकारियों को अपनी बैरक में घुसने से रोका और कमाल की बात यह है कि बैरक के तालों की चाभियां भी उसके पास रखी थी।

जेल बैरक से बरामद बारह सिम कार्ड और सात मोबाइल फोन जांच के लिए दिल्ली भेजे गए तो उनसे बहुत सनसनीखेज जानकारियां बाहर आई। सिम कार्डो की पड़ताल से पता लगा है कि शहाबुद्दीन जेल के भीतर से अपना माफिया संसार तो चला ही रहा था, आईएसआई और कई कश्मीरी आतंकवादियों के भी लगातार संपर्क में था। सिम कार्डो की प्रारंभिक पड़ताल पटना पुलिस की साइबर शाखा ने कर ली है और इससे मिले सारे विवरण बताते हैं कि शहाबुद्दीन लगातार आतंकवादियों के संपर्क में था।

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