विश्व आर्थिक मंच की ताजा रिपोर्ट के अनुसार स्त्री और पुरूष के बीच मौजूद सामाजिक अंतर के मामले में 130 राष्ट्रों की सूची में भारत का 113 वां स्थान है। रिपोर्ट के मुताबिक नार्वे ने जहां इस सूची में सर्वोच्च स्थान हासिल किया है, वहीं फिनलैंड, स्वीडन और आइसलैंड क्रमश: दूसरे, तीसरे और चौथे स्थान पर रहे हैं। दक्षिण एशिआई देशों में सबसे अच्छा प्रदर्शन श्रीलंका का है जो इसमें 12 वें पायदान पर है जबकि विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश अमेरिका 27वें स्थान पर और चीन 57वें स्थान पर काबिज है।
महिला सशक्तिकरण तथा स्त्रियों के लिए विशेष उपाय करने जैसे कार्यक्रमों के बावजूद भारत इसमें पहले सौ में भी स्थान नहीं बना सका। पड़ोसी देश जैसे ईरान 116, नेपाल 120, पाकिस्तान 127 भी पिछड़ गये देशों में शामिल है जबकि जर्मनी 11, युनाइटेड किंगडम 13, स्पेन 17, ने पहले की अपेक्षा अपने स्तर से नीचे आ गए लेकिन शुरूआती बीस देशों की सूची में आने में कामयाब रहे। नीदरलैंड 09, लाटाविया 10, श्रीलंका 12 और फ्रांस 15 ने अपनी पहले की पोजिशन में सुधार किया है।
यह वैश्विक जेंडर गैप या स्त्री पुरूष के बीच सामाजिक अंतरों वाला सूचकांक इस आधार पर बनाया जाता है कि दोनों के बीच सामाजिक दूरी को कितना कम किया गया है। इसमें महिलाओं की उच्च स्तर पर राजनीतिक और सरकार में भागीदारी तथा देश की वित्तीय संस्थाओं में महत्वपूर्ण भूमिका और शिक्षा आदि के स्तर को आधार बनाया जाता है। इस सूचकांक में उच्च स्थान पाने का अभिप्राय यही है कि उक्त देश ने इन स्तरों पर पुरूष और महिला के बीच की दूरी कम रह गयी है जबकि निचले स्थान पर आने का मतलब यह निकलता है कि सामाजिक मामलों में जो अधिकार पुरूष को हासिल है स्त्री उससे वंचित है।
इस हिसाब से देखा जाए तो पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर आए देशों ने स्त्री और पुरूष के बीच सामाजिक अंतरों को 80 प्रतिशत तक पाट दिया है जबकि निचले स्थान पर रहे देशों ने 45 फीसदी तक ही इस मुकाम को हासिल किया है। ऊंचे स्थान पर काबिज देशों में व्यापार, राजनीति, अकादमिक, मीडिया और नागरिक समाज में कई जगह पर पचास प्रतिशत पुरूषों की भूमिका है तो इतनी ही भूमिका स्त्री की भी है। इस तरह से इन देशों में योग्यता का बेहतरीन इस्तेमाल हो रहा है और उसमें लिंग के आधार पर भेद न्यूनतम है।
भारत की तलाश
Tuesday, November 18, 2008
स्त्री और पुरूष के बीच मौजूद सामाजिक अंतर के मामले में भारत का 113 वां स्थान
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अधिकार,
आर्थिक मंच,
सामाजिक अंतर,
सूचकांक
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4 comments:
आप जानते ही होंगे स्त्री पुरूष समानता के लिए अब यूरोपीय देशो के साथ भारत और दुनिया के तमाम और भी देशों मैं यूनियनओं के जरिये भी बहुत कुछ हो रहा है आपने जो आंकडे उपलब्ध कराएँ हैं उनके लिए शुक्रिया
इस विषय पर मैने एक लेख अपने ब्लाग पर लिखा है । आप पढ सकते हैं-
http://www.ashokvichar.blogspot.com
फिनलैंड, स्वीडन और आइसलैंड....
यहां आ कर देखे स्र्त्री को केसा समान मिलता है, फ़िर..... लाखो मै हम सुखी है, हमारी ओरतो कॊ इज्जत मिलती है....
धन्यवाद
Ranking sirf stats par adharit hoti hai.
Bharat mein aaj bhi ladies ko bahut sammman milta hai yah sach hai...nahin to aisey bhi 'desh' hain jahan females ko sirf ek 'istmaal karne ka samaan' samjha jaata hai aur kuchh nahin.
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