मुम्बई हमलों में जान गवांने वाले ATS अधिकारी विजय सालस्कर कभी बुलेटप्रूफ जैकेट नहीं पहनते थे। आतंकी हमले के दौरान बुलेटप्रूफ जैकेट पहनना ही उनकी जान जाने का कारण बना। कड़वी हकीकत तो यह है कि अफसरों को जैकेट पर पहले से भरोसा नहीं था। क्योंकि, जो जैकेट उन्हें मुहैया कराई गई थी, वह AK 56 व AK 47 की गोलियाँ झेलने में सक्षम नहीं थी। वर्ष 2004 में स्टेट रिजर्व पुलिस फोर्स ने फायरिंग रेंज में इन जैकेटों का परीक्षण किया था। उसी दौरान यह साबित हो गया था कि ये जैकेटें AK 47 और SLR नहीं झेल पा रही हैं। इसीलिए जैकेट पर किए गए फायर के दौरान एक भी गोली छिटक कर दूर नहीं गई, वरन पुलिस अफसरों को शरीर में पैबस्त हो गई।
विभिन्न माध्यमों में आयी ख़बर में बताया गया है कि इसके पहले जैकेट के मानक की जांच के बाद गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट भेजी गई थी। मांग की गई थी कि अगली सप्लाई में इसे मानक के अनुरूप बेहतर बनाया जाए। जनहित याचिका भी दायर की गई थी, जिसमें पूछा गया था कि इन जैकेटों को पुलिसवाले पहनें या नहीं। मुंबई पुलिस में व्याप्त भ्रष्टाचार की वजह से ही IPS अफसर वाई.पी. सिंह ने इस्तीफा दे दिया था। अब वह वकील बन गए। उन्होंने उस दौरान आरोप लगाया था कि भ्रष्टाचार दो तीन एजेंटों की वजह से बढ़ रहा है, जो सरकार में दखल रखते हैं। ये एजेंट कुटीर उद्योग में तैयार होने वाले सामान को सुरक्षा के लिहाज से थोपने की कोशिश में रहते हैं। बुलेट प्रूफ जैकेट से संबंधित जांच ACB के पास भी लंबित है।
मुंबई पुलिस जो आर्मर पहनती है वह 42 इंच लंबी होती है। यह खास कपडों की सहायता से पूरी तरह ढकी होती है और इसके अंदर कुछ वायर होते हैं। स्टील की कुछ प्लेटें होती हैं। वायर किसी भी स्थिति में 10 गेज से कम का नहीं होता है। लेकिन, जैकेट में जो वायर लगा है वह 12 गेज का है।
भारत की तलाश
Monday, December 1, 2008
अफसरों को दी जाने वाली बुलेटप्रूफ जैकेट कुटीर उद्योग में तैयार हुयी थी!?
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कुटीर उद्योग,
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6 comments:
इस बुलटप्रूफ जैकेट को सप्लाई करने वाले और उसकी सप्लाई को एप्रूव करने वालों पर हत्या का अभियोग क्यों नहीं चलाया जाना चाहिए।
भंयंकर भूल कहके चुप नही रहा जा सकता?इसकी अहमियत को देखते हुये इससे संबंधित अधिकारियों को इसके सुधार के लिये फ़ौरन ही जरुरी कदम उठाना अति आवश्यक है|
यह कोई भुल नही जिन्हो ने इस केश को दबाये रखा उन्हे अब सजाये मोत होनी चाहिये , ओर बाकी जकैटे इन नेताओ को पहना कर ओर फ़िर गोली मार कर चेक करनी चाहिये, तब जा कर पास करनी चाहिये.
धन्यवाद
yeh sab jackets desh ke vir netao ko pehnao or unki Z security hatao...bada bhala hoga desh ka.
क्या लगता है इसके बाद भी जैकेट सप्लाई करने वालों के खिलाफ़ कोई कार्रवाई होगी?
कब तक बुलेट प्रूफ़ जैकेट का रोना रोया जाता रहेगा । हमले में और भी जानें गई हैं ,ज़रा उन कुर्बानियों को भी याद किया जाए । फ़िर भ्रष्टाचार के इन खुलासों का अब फ़ायदा भी क्या । सांप निकलने के बाद लकीर पीटते रहने की पुरानी आदत है हमारी ।
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