भारत की तलाश

 

Saturday, February 27, 2010

दिल्ली के बदरपुर साई बाबा मंदिर में वेश्यावृत्ति: प्रमुख एयरलाईंस की दो एयरहोस्टेस पकड़ाईं

दिल्ली पुलिस ने मंदिर में वेश्यावृत्ति कराने का एक रैकेट पकड़ा है। इस मामले में दो एयरहॉस्टेस समेत छह लड़कियों और एक कथित स्वामी को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार किए गए दो कथित दलालों में एक शिवमूरत द्विवेदी (39)उर्फ इच्छाधारी संत स्वामी भीमानंदजी महाराज चित्रकूटवाले ने साउथ दिल्ली के खानपुर इलाके में एक मंदिर बनवाया था। जो छह लड़कियां गिरफ्तार हुई हैं उनमें दो एयरहॉस्टेस और एक एमबीए स्टूडेंट है।

यह रैकेट पकड़ में तब आया जब 25 फरवरी को पुलिस को जानकारी मिली कि कुछ कॉलगर्ल और दलाल पीवीआर साकेत आने वाले हैं। पुलिस ने जाल बिछाया और फर्जी ग्राहक बन कर पुलिस अधिकारियों ने इनसे संपर्क किया। फर्जी सौदा हुआ और पूरी गैंग पुलिस की गिरफ्त में आ गया। दोनों एयर हॉस्टेस प्रमुख एयरलाइंस में काम करती हैं और साउथ दिल्ली के पॉश इलाकों में बड़े अपार्टमेंट्स में रहती हैं।

डीसीपी (साउथ)एच.जी.एस. धालीवाल ने बताया कि अपनी करतूतों को छिपाने के लिए द्विवेदी ने अपना नाम बदल लिया और खुद को साई बाबा का शिष्य घोषित कर दिया। उसने बदरपुर में साई बाबा मंदिर शुरू किया और मंदिर के अहाते में ही वेश्यावृत्ति का धंधा शुरू कर दिया। उसने खानपुर में भी एक मंदिर बनवाया। वह सतसंग आयोजित करता था और प्रवचन भी देता था। उसने चित्रकूट में 200 बिस्तरों वाला एक अस्पताल भी बनवाया

पुलिस के मुताबिक द्विवेदी चित्रकूट का है और 1988 में दिल्ली आया। वह पहले नेहरू प्लेस के एक 5 स्टार होटल में वाचमैन था, फिर उसने लाजपतनगर के एक मसाज पार्लर में भी काम किया। वह वेश्यावृत्ति के मामले में 1997 में और चोरी की संपत्ति रखने के मामले में 1998 में गिरफ्तार हो चुका है।


4 comments:

Arshad Ali said...

नैतिक चरित्र के पतन में कथित बाबा ने संत समाज के प्रतिष्ठा एवं समाज के नियमों को अवश्य धूमिल किया है
समाज के अपने कुछ उसूल होतें हें उनका निर्धारण
प्राचीन काल में हो चूका है हम सब उसका अनुसरण करते आ रहें है..पर आज कल तो पैसे की भूख इतनी बढ़ी हुई है की उचे तबके की लड़कियां भी इस गंदे खेल में शामिल होने में अपने घर घराने एवं कुल की प्रतिष्ठा
ताख पर रख देती हें ... मुझे चिंता इस बात की होती है की इतना कुछ हो जाता है तब हमारे समाज की नींद खुलती है ..बाबा का इतिहास हीं उसे शक के घेरे में लाता है फिर भी पोलिस महकमा
हिंदी सिनेमा की तरह अंत में आती है..आखिर इतना बड़ा असामाजिक बिजनेस सबके नाक के निचे होता आया और किसी को पता नहीं चला ...
क्यों ये हम सभी के लिए चिंता का बिषय नहीं?
समाचार सुना मज़ा लिया और फिर सो गए अगले समाचार आने तक क्या हम यही नहीं करते ?
कुछ करना चाहिए अन्यथा हम सभी को नर्क जैसे
समाज में घुट घुट कर जीने पर मजबूर कर के रख देंगे इस तरह के ढोंगी जो सिर्फ और सिर्फ चमड़ी और दमड़ी के लिए जन्म लिए है..इस तरह के सभी बाबाओं को बेनकाब करना होगा जो धर्म के आड़ में अपने भारत की संस्कृति का बालात्कार कर रहे हें.....हम सभी आस्थावान लोगों के आस्था के साथ खिलवाड़ एवं समाज के नियमों को बर्बाद करते हुए ..

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

इसे सामाजिक पतन की पराकाष्ठा ही कहा जा सकता है कि जहाँ एक ओर कथित बाबा/साधु/संत इस प्रकार के दुष्कृ्त्यों में लिप्त हो रहे हैं...वहीं धनलोलुपता नें कुलीन परिवारों को भी अपने लपेटे मे ले लिया है....
निहायत ही शर्मनाक कृ्त्य्!!

कडुवासच said...

...कमाल है ... लगता है अब धंधेबाजी भी गर्व की बात हो गई है... एयर हास्टेज, मैनेजमेंट स्टुडेन्ट, साधु बाबा सब मिलकर गुल खिला रहे हैं वो भी मंदिर मे ....शर्म ...शर्म ...शर्मनाक !!!

निशाचर said...

लगता है सभी ने हर उस चीज को जिससे आम आदमी की भावनाएं, श्रद्धा और आस्था जुडी हुई है उसे बेचकर पैसा बनाना ही अपना एकमात्र ध्येय मान लिया है. ज्योतिषी हमारे डर और आशा को भुना रहें हैं, टी0 वी0 और सिनेमा हमारी सामाजिक भावनाओं को भुना रही हैं, भिखारी हमारी दया और करुणा का दोहन कर रहें हैं. चोर, उचक्के और ठग हमारे विश्वास और आस्था को भुना रहे हैं..... और धीरे- धीरे हम एक आत्मकेंद्रित भावनाशून्य प्राणी में तब्दील होते जा रहे हैं. वह दिन भी आएगा जब कोई किसी पर विश्वास नहीं करेगा और हम सभी एक दूसरे के खून के प्यासे होंगे.