देश के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले हजारों पूर्व सैनिकों ने सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन और अन्य सुविधाएं मिलने में भेदभाव के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बाद अपने मैडल राष्ट्रपति प्रतिभादेवी सिंह पाटिल को वापस कर दिए। भारतीय भूतपूर्व सैन्यकर्मी आंदोलन (आईईएसएम) के बैनर तले लगभग 12 हजार पूर्व सैनिकों ने जंतर मंतर पर भारी विरोध प्रदर्शन के बाद अपने वीरता पदकों को राष्ट्रपति के सुपुर्द कर दिया। आईईएसएम के अध्यक्ष लेफ्टीनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) राज कादियान के नेतृत्व में पूर्व अधिकारियों और सैनिकों के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति भवन जाकर पूर्व सैनिकों के साथ लंबे समय से किए जा रहे भेदभावपूर्ण रवैए की शिकायत करते हुए श्रीमती पाटिल की अनुपस्थिति में उनके मंत्रालय को वीरता पदक सौंप दिए।
जनरल कादियान ने बताया कि उनकी सबसे बड़ी और बहुप्रतीक्षित मांग समान पद के लिए समान पेंशन दिए जाने की है, जिसके लिए देश भर में 23 लाख पूर्व सैनिक संघर्षरत हैं। उन्होंने बताया कि सिर्फ सेना में ही भेदभाव पूर्ण व्यवस्था कायम है, जिसके तहत पूर्व सैनिकों के पेंशनभत्ते वेतन आयोग की सिफारिशों के दायरे में आने के बावजूद इनकी पेंशन में समय बीतने के साथ कोई इजाफा नहीं होता। उन्होंने बताया कि आज से दस साल पहले सेवानिवृत्त हुए सैनिक की पेंशन अभी सेवानिवृत्त होने वाले सैनिक की पेंशन से काफी कम होती है। नतीजतन दस साल पहले सेवानिवृत्त होने वाले आला सैन्य अधिकारी की पेंशन आज रिटायर होने वाले हवलदार या सिपाही से काफी कम होती है।
भारत की तलाश
Tuesday, February 10, 2009
हजारों पूर्व सैनिकों ने लौटाए अपने मैडल
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
3 comments:
बेहद अफसोसजनक ।
अफसोसजनक बात है!
------
गुलाबी कोंपलें | चाँद, बादल और शाम
बहुत ही खेदजनक मामला है .
Post a Comment