मुरारी अपनी पत्नी व बच्चों के साथ होडल के पास 9-10 फरवरी की रात मुरैना जा रहे थे। रात लगभग 10:15 बजे निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 7 से उन्होंने एक ट्रेन पकड़ी। ट्रेन में तीन-चार युवकों ने उन्हें नशीला तंबाकू खिला दिया। इसके बाद उनका सिर चकराने लगा। इस बीच युवकों ने उनकी पत्नी के साथ छेड़खानी शुरू कर दी। इसके चलते उन्होंने बोगी बदल दी, लेकिन युवक उनके पीछे वहां भी आ गए। उन्होंने जब विरोध किया तो युवकों ने होडल के पास उन्हें, उनके एक साल के बेटे अमन और चार साल की बेटी शिवानी सहित चलती ट्रेन से फ़ेंक दिया। गनीमत रही कि टेन की स्पीड कम थी, जिसकी वजह से चारों की जान बच गई।
रात को पास की एक बस्ती में रात गुजारने के बाद मंगलवार सुबह इस परिवार ने पलवल के सरकारी हॉस्पिटल में मरहम पट्टी कराई। इसके बाद उन्हें फरीदाबाद के बीके हॉस्पिटल में दाखिल कराया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि एक साल के बच्चे अमन के सिर पर गहरी चोट है। उसे अंडर आब्जवेर्शन रखा गया है। जीआरपी के इंचार्ज प्रह्लाद के अनुसार मामले की जांच की जा रही है। यह पूछे जाने पर कि किस ट्रेन से आए थे, मुरारी का कहना है कि टिकट सूटकेस में थे जो ट्रेन में ही रह गया। रेलवे पुलिस पता लगा रही है कि घटना किस ट्रेन में हुई।
ऐसी ही एक घटना अहमदाबाद में भी हुई। पीटीआई के मुताबिक भरूच रेलवे स्टेशन के पास दो युवकों को चलती ट्रेन से फेंक दिया गया, जिससे एक की मौत हो गई और दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया। रेलवे सुरक्षा बल के अफसरों ने बताया कि महाराष्ट्र के जलगांव तालुका के रहने वाले शंकर कोली (24) को ओखा पुरी एक्सप्रेस की जनरल बोगी में सीटों को लेकर हुई बहस के बाद चलती ट्रेन से बाहर फेंक दिया गया। उन्होंने बताया कि शंकर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरे युवक को गंभीर चोट आई है। घायल को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
भारत की तलाश
Tuesday, February 10, 2009
पूरे परिवार को चलती ट्रेन से फेंका
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