बराक हुसैन ओबामा का शासन आते ही अमेरिका की जुबान बदल गई है। अब अमेरिकी प्रशासन भारतवासियों से हिंदुस्तानी बोली में बात करने को उत्सुक है। भारत के लिए अमेरिका की बदली हुई जुबान का पहला संकेत अमेरिकी दूतावास ने दिया जिसने अमेरिकी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण के बाद दिए गए भाषण का हिंदी अनुवाद जारी कर दिया। और तो और इस भाषण के लिए अमेरिकी जनसंपर्क विभाग ने अपना लैटरपैड भी हिंदी में प्रकाशित किया और आम बोलचाल की भाषा में ओबामा के भाषण को ज्यों का त्यों पेश किया।
ओबामा का हिंदी संबोधन जारी कर अमेरिका ने अपना बदला हुआ रुख और बदल जाहिर कर दिया है। अमेरिकी जनसंपर्क विभाग ने ओबामा के शपथ ग्रहण के दो दिन बाद यह संबोधन हिंदी में जारी किया है लेकिन अनुवाद की भाषा के प्रवाह से स्पष्ट है कि ओबामा प्रशासन हिंदुस्तानियों की भाषा को हड़बड़ी या औपचारिकतावश नहीं अपना रहा है बल्कि वह हिंदीभाषियों के दिलों में अपने युवा राष्ट्रपति की बातों को गहराई तक उतारने के प्रति गंभीर है।
इसकी बानगी देखिए ओबामा के भाषण के अंतिम पैराग्राफ को खूबसूरती से हिंदी में उतारा गया है। वह कहते हैं ‘आओ मिलकर इस बर्फानी संकट का सामना करें और आने वाले तूफानों से निपटें ताकि हमारे बच्चों के बच्चे यह कहें कि जब हम पर बुरा वक्त पड़ा तो हमने अपने सफर को अधूरा छोड़ने से इंकार कर दिया। क्षितिज पर नजरें गाड़े हुए भगवान की कृपा से आगे बढ़ते रहे। और आजादी का महान तोहफा आने वाली नस्लों तक पहुंचाया।
भारत की तलाश
Friday, January 23, 2009
अमेरिकी प्रशासन भारतवासियों से हिंदुस्तानी बोली में बात करने को उत्सुक !
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अमेरिकी प्रशासन,
हिंदुस्तानी बोली
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4 comments:
शुभ संकेत भी है और सीखने का अवसर भी।
हम अपनी भाषा का स्वयं सम्मान करेंगे, तो दूसरे भी वैसा ही करेंगे। कब तक भारत पिचलग्गू बना चलता रहेगा? हमें अपना तन्त्र विकसित करना होगा; केवल तभी हम अपने को स्वतन्त्र कह सकते हैं।
आशा है हमारे नेताओं के भाषण भी आम लोगो को हिन्दी में अनुवादित हो कर मिलेंगे. क्या है अंग्रेजी समझ में नहीं आती.
कोई लिंक भी देते, ताकि हम भी पढ लेते.... वेसे केसा लगता होगा समाने वाला हिन्दी मे बोले ओर देशी अग्रेजी मे जबाब दे.
धन्यवाद
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