कोलकाता निवासी एक दंपति ने पर्यावरण के अनुकूल एक ऐसा ऑटो इंजन बनाया है जिसमें ईंधन और बैटरी की जरूरत ही नहीं। कोलकाता के कनिष्क सिन्हा (30) और उनकी पत्नी दीपिका (25) ने जीवन में औरों से कुछ अलग करने की ठानी और यकीनन वे कामयाब भी रहे। ‘जास्पर मोटर वेहिकल’ कंपनी के प्रमुख कनिष्क ने इंडो-एशियन न्यूज सर्विस को बताया कि, "यह इंजन जिंक और ऑक्सीजन की रासायनिक प्रतिक्रिया से चालू होता है इसलिए यह प्रदूषण रहित है। इस तकनीक से इंजन की उम्र भी लंबी होती है।"
अपराजिता गुप्ता की रिपोर्ट है कि इस इंजन का प्रयोग तिपहिया वाहनों और कारों में भी किया जा सकता है। इस युवा दंपति ने अनिवासी भारतीयों की मदद से एक अरब रुपये की राशि एकत्र कर अपनी कंपनी को अमेरिका में रजिस्टर्ड करवाया। उन्होंने फोर्ड फाउंडेशन की मदद से चलने वाले बिगपेटेंटस इंडिया में इसे पेटेंट भी कराया। देश में विनिर्माण की सुविधा न होने के कारण ऐसे सभी इंजन अमेरिका में निर्मित किए जा रहे हैं लेकिन उन्होंने कहा कि वे बिहार अथवा पश्चिम बंगाल में विनिर्माण संयंत्र लगाने के लिए जमीन तलाश रहे हैं। इस संबंध में उन्होंने प्रदेश के लोक निर्माण विभाग के मंत्री क्षिति गोस्वामी से भी मुलाकात की है।
गोस्वामी ने आईएएनएस को बताया कि, "वे मेरे पास आए थे और मैं उनकी योजना से अवगत हूं। अगर उन्हें बर्धमान में जमीन चाहिए तो इसके लिए उन्हें बर्धमान विकास प्राधिकरण से बात करनी होगी।"
अपराजिता गुप्ता की रिपोर्ट है कि इस इंजन का प्रयोग तिपहिया वाहनों और कारों में भी किया जा सकता है। इस युवा दंपति ने अनिवासी भारतीयों की मदद से एक अरब रुपये की राशि एकत्र कर अपनी कंपनी को अमेरिका में रजिस्टर्ड करवाया। उन्होंने फोर्ड फाउंडेशन की मदद से चलने वाले बिगपेटेंटस इंडिया में इसे पेटेंट भी कराया। देश में विनिर्माण की सुविधा न होने के कारण ऐसे सभी इंजन अमेरिका में निर्मित किए जा रहे हैं लेकिन उन्होंने कहा कि वे बिहार अथवा पश्चिम बंगाल में विनिर्माण संयंत्र लगाने के लिए जमीन तलाश रहे हैं। इस संबंध में उन्होंने प्रदेश के लोक निर्माण विभाग के मंत्री क्षिति गोस्वामी से भी मुलाकात की है।
गोस्वामी ने आईएएनएस को बताया कि, "वे मेरे पास आए थे और मैं उनकी योजना से अवगत हूं। अगर उन्हें बर्धमान में जमीन चाहिए तो इसके लिए उन्हें बर्धमान विकास प्राधिकरण से बात करनी होगी।"
5 comments:
इस होनहार दंपत्ति को शुभकामनाएं। आपको जानकारी देने के लिए आभार।
issey to paryavarn ki samsya ka ant hona prarambh ho jayega
आपको जानकारी देने के लिए आभार..दंपत्ति को शुभकामनाएं...
आप का धन्यवाद, लेकिन इन्हे अमेरिका के चरणो मै जाने की क्या जरुरत थी, क्या उसे भारत मै पेटेंट नही करवा सकते???
भगवान् करें की सिन्हा जी की कोशिशें सफल हों. वैसे लगता नहीं की हिंदुस्तान का आदमी ऐसा होने देगा, इसकी उम्मीद कम ही है.
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