आम जनता ही नहीं, केबिनेट मंत्री तक भ्रष्टाचार से परेशान हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है। अपने विभाग में भ्रष्टाचार से परेशान मध्य प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री अखंड प्रताप सिंह यादव ने उपलोकायुक्त से गुहार लगाई है। मंत्री जी इस मामले में राज्य आर्थिक अपराध ब्यूरो के अफसरों से भी समय मांग चुके हैं। श्री सिंह मंगलवार दोपहर दो बजे लोकायुक्त कार्यालय पहुंचे। वे चुपचाप पहले लोकायुक्त कार्यालय के सचिव से मिले और फिर उपलोकायुक्त चंद्रेश भूषण के पास जा पहुंचे। वहां उन्होंने करीब बीस मिनट उपलोकायुक्त से बंद कमरे में बात की। इसके बाद बाहर निकले और मीडिया से मुखातिब हुए।
मंत्री अखंड प्रताप सिंह की सफाई भी काबिले गौर थी। 'मेरे विभाग में अन्नपूर्णा योजना, सार्वजनिक वितरण प्रणाली के राशन और खाद्यान्नों के उपार्जन में भारी भ्रष्टाचार हुआ है। भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ किस प्रकार कार्रवाई की जा सकती है, इसी के लिए सलाह लेने में उपलोकायुक्त महोदय के पास आया हूं।' एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, हां मैं केबिनेट मंत्री हूं, कार्रवाई करने में सक्षम हूं, इसी कारण सलाह लेने आया हूं। उनका कहना था कि इस मामले में उन्होंने ईओडब्ल्यू के वरिष्ठ अफसरों से भी समय मांगा है। संभंवत: वे बुधवार को ब्यूरो के अफसरों से मिल सकते हैं। इस मुलाकात में भी वे भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में विचार करेंगे।
(साभार: जागरण)
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Wednesday, October 8, 2008
कैबिनेट मंत्री भी भ्रष्टाचार से परेशान
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