भारत की तलाश

 

Monday, August 16, 2010

मूर्तियाँ लगवाने के लिए सरकार ने 34 करोड़ की इमारतें विस्फोट से गिरा दीं!

उत्तरप्रदेश विधानसभा में पिछले दिनों पेश की गई कैग की रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है कि दलित महापुरुषों की प्रतिमाएं खड़ी करने एक स्टेडियम और उससे लगे हुए रिसर्च सेंटर और म्यूजियम की इमारत, जो बमुश्किल सिर्फ 10 साल पुरानी थी, को डायनामाईट लगा ध्वस्त कर दिया गया जो कि पूरी तरह गैरकानूनी था।

रिपोर्ट के अनुसार राज्य सरकार ने 1998 में लखनऊ के गोमती नगर में 15 एकड़ के प्लॉट पर 6.47 करोड़ रुपये की लागत से स्टेडियम बनवाया था। इसके चार साल बाद 2002 में एक रिसर्च सेंटर और म्यूजियम का निर्माण सात एकड़ के प्लॉट पर 26 करोड़ की लागत से किया गया। कैग की रिपोर्ट में स्टेडियम गिराने के लिए तकनीकी कमिटी की सिफारिश पर भी सवाल उठाए गए। यह साफ प्रतीत होता है कि इमारतें गिराने के लिए तकनीकी कमिटी की मंजूरी सिर्फ आंखों में धूल झोंकने के लिए थी। इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि तकनीकी कमिटी का गठन और इमारतों को ध्वस्त करने की मंजूरी एक ही दिन दी गई।

कैग के अनुसार स्टेडियम और रिसर्च सेंटर के मलबे पर दलित महापुरुषों की प्रतिमाएं खड़ी करने का सरकार का फैसला बिल्कुल गलत था।

1 comment:

Anonymous said...

सुन्दर पोस्ट, छत्तीसगढ मीडिया क्लब में आपका स्वागत है.