महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में माओवादियों के हमले के बाद खून से लहूलुहान और मदद के लिए तड़पते पुलिसकर्मी। वे वॉकी-टॉकी से अपने अधिकारियों को एक हेलिकॉप्टर भेजने की मिन्नत कर रहे थे। लेकिन हेलिकॉप्टर चंद किलोमीटर दूर होने के बाद भी नहीं पहुंचा।...क्योंकि हेलिकॉप्टर चुनावी रैली में आए नेताजी की सेवा में था।
गढ़चिरौली में 300 माओवादियों ने 40 पुलिसकर्मियों के दल पर हमला बोल दिया था। इससे ठीक 24 घंटे पहले कांग्रेस के उम्मीदवार धर्मराव बाबा आत्राम चुनावी रैली के लिए वहां हेलिकॉप्टर से आए। इस हमले में 17 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। बाकी जो बचे वह अपने घायल साथियों के लिए अधिकारियों से वॉकी-टॉकी से मदद की गुहार लगाते रहे। उन्हें भरोसा दिलाया गया कि उनके घायल साथियों की मदद के लिए हेलिकॉप्टर भेजा जा रहा है। लेकिन पांच घंटे गुजर गए, हेलिकॉप्टर नहीं आया।
इस हमले में बचे जवानों की जुबान पर बस एक ही सवाल है। आखिर वह हेलिकॉप्टर क्यों नहीं आया? कुछ जवान नाम न छापने की बात पर कहते हैं अगर हेलिकॉप्टर से मदद मिल जाती,तो उनके इतने साथी जान न गंवाते। यदि हेलिकॉप्टर वहां से गुजरता भी तो माओवादी उससे ही डर जाते। बिना किसी मदद के हम अपने साथियों को दम तोड़ते देखते रहे। गढ़चिरौली में 4 हेलिकॉप्टर तैनाती के लिए तैयार हैं। लेकिन अभी तक वहां एक भी हेलिकॉप्टर नहीं है।
अपने रिश्तेदार सुरेश को इस हमले में खो देने वाले रमेश दुर्गे ने कहा, 'सरकार को नेताओं को हेलिकॉप्टर देने में कोई परेशानी नहीं है। लेकिन जब गढ़चिरौली मे जवानों की जान बचाने के लिए हेलिकॉप्टर भेजने की बात आई तो दिक्कत आ गई। क्या हमारी जान की कोई कीमत नहीं है।?'
1 comment:
क्या कहा जाय......उपयुक्त शब्द तलाश नहीं कर पा रही कुछ कहने को...
शर्मनाक !!!
आखिर पुलिस या आम जनता के जान की कीमत ही क्या होती है..........
Post a Comment