भले ही डॉक्टर मरीजों को शुद्ध और पौष्टिक भोजन लेने और साफ सफाई की सलाह देते हों लेकिन 12 मार्च को झारखंड के पाटलिपुत्र मेडिकल कालेज अस्पताल की ओर से, शिशु वार्ड के मरीजों को चावल के साथ दो पके चूहे भी भोजन में परोस दिए गए। चूहा मिला भोजन करने वाले बच्चे और महिलाएं उल्टियां करने लगीं। आनन-फानन में प्रबंधन ने किचन के दो कर्मचारियों को हटा दिया और मामले की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है।
12 मार्च की दोपहर लगभग 12 बजे कचहरी रोड में स्थित पीएमसीएच के मरीजों के बीच अस्पताल प्रबंधन की ओर से तैयार भोजन बांटा गया। ग्राउंड फ्लोर से लेकर पहली मंजिल के सभी वार्डो के अधिकतर मरीजों ने इस भोजन को खा लिया। यही भोजन पहली मंजिल पर स्थित शिशु वार्ड में भर्ती मरीजों को दिया गया। दैनिक जागरण के अनुसार, यहां भर्ती अंकुश कुमार और प्रतिमा ने भोजन करना शुरू किया तो उनके खाने में चूहों के दो मरे हुए बच्चे मिले। इसके बाद तो पूरे वार्ड में अफरा-तफरी मच गई। जब तक मामला खुला तब तक बच्चों को दिए गए इस भोजन को बच्चों के साथ उनके कई अभिभावक भी खा चुके थे।
मामला खुलते ही सभी उल्टियां करने लगे। पूरे अस्पताल में हड़कंप मच गया। तत्काल मामले की जानकारी अस्पताल अधीक्षक डा. पीके सेंगर को दी गई। उन्होंने मामले की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है। किचन में काम करने वाले अस्पताल के दो कर्मियों को हटा दिया गया है। अस्पताल अधीक्षक डा. पीके सेंगर ने स्वीकार किया कि घटना लापरवाही के कारण हुई है। चावल को पकाने के पहले साफ नहीं किया गया जिसके कारण ऐसी गड़बड़ी हुई। चिकित्सकों के अनुसार यदि भोजन के साथ चूहों को पका दिया जाए तो उसके घातक परिणाम भी हो सकते हैं। यदि चूहे वायरस और बैक्टीरिया से संक्रमित हुए तो भोजन करने वालों को रैट बाइट फीवर और लैप्टो स्पराइसिस बीमारी होने का खतरा रहता है।
4 comments:
बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण समाचार है . क्या कहें लोगो को दूसरे के जीवन की फ़िक्र नहीं है .
क्या व्यवस्था है ... दाद देनी होगी इसकी।
वाह अस्पतालो का यह हाल है तो अन्य जगह का क्या होगा.
धन्यवाद
चलिए ऊपर वाले का शुक्र है कि चूहे पके हुए थे,कच्चे नहीं..)
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