भारत की तलाश

 

Friday, March 27, 2009

7 लाख की सुपारी दे कर, इकलौते बेटे ने अपने माँ-बाप का कत्ल करवाया

पुलिस ने इंदौर के एक दंपति की हत्या के सनसनीखेज मामले के भंडाफोड़ का दावा करते हुए तीन लोगों को पकड़ा है।  इंदौर के पॉश इलाके तिलक नगर रहने वाले अजय कुमार जैन और उनकी पत्नी ऊषा जैन की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गई थी। दोनों की लाश घर की छत से बरामद हुई। लाश की हालत देखकर पुलिस भी हैरान थी। दोनों लाशों पर 90 से ज्यादा घाव थे। तफ्तीश के बाद आखिरकार पुलिस ने उनके बेटे और उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक बेटे ने ही अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर इस हत्या की साजिश रची थी। क्योंकि वो अपने मां-बाप की दौलत हथियाना चाहता था। उसने कथित तौर पर अपने माता पिता की हत्या का सौदा करीब साढ़े सात लाख रुपये में तय किया था।

25 मार्च की सुबह शहर के पलासिया थाना क्षेत्र में अजय कुमार जैन (60) और उनकी पत्नी उषा जैन (55) की लहूलुहान लाश बरामद हुई थी। इनकी हत्या 24 मार्च की रात धारदार हथियारों से की गयी थी। पुलिस द्वारा, जैन दंपति की हत्या के मामले में 25 मार्च की रात उनके बेटे सिद्धार्थ और उसके दो साथियों को गिरफ्तार किया गया। मामले की जांच और आरोपियों से पूछताछ के से पता चला कि तीस साल का सिद्धार्थ शराब और सट्टे की लत के चलते कर्ज के भारी बोझ तले दबा था। उसकी इलेक्ट्रानिक सामान की दुकान थी जो घाटे में चल रही थी। उन्होंने कहा कि सिद्धार्थ के पिता ने उसे सही रास्ते पर लाने की कोशिश की लेकिन नतीजा सिफर रहा। इसके बाद पिता पुत्र में विवाद शुरू हो गये।

सिद्धार्थ पर आरोप है कि परिवार की संपत्ति के बूते कर्ज उतारने की नीयत से इकलौते बेटे ने अपने माता पिता की हत्या की साजिश रची। साथ ही इसे अमली जामा पहनाने के लिये बदमाशों को बतौर पेशगी पचास हजार रुपये नकद और करीब सात लाख रुपये का चेक दिया। 

पुलिस ने तफ्तीश शुरू की तो उसे घर में चौंकाने वाले सुराग मिले। पुलिस के मुताबिक घर में किसी तरह की लूटपाट नहीं की गई थी। घर के किसी भी कीमती सामान को हाथ नहीं लगाया गया था। यानि लूटपाट के इरादे से कत्ल नहीं किया गया था। पुलिस का कहना है कि कत्ल करने के बाद कातिल किसी घबराहट में नहीं था। जैन दंपति को मारने के बाद कातिल आराम से बाथरूम में गया और वहां अपने शरीर और कपड़ों पर लगे खून के दाग को साफ किया और घर से निकल गया। यानि साफ था कि कातिल घर का कोई करीबी शख्स था... और उसने पूरी प्लानिंग करके इस वारदात को अंजाम दिया।

इसके बाद पुलिस ने अजय जैन के बेटे सिद्धार्थ से संपर्क साधा तो उसने बताया कि वो दिल्ली से वापस लौट रहा है। लेकिन पुलिस की पूछताछ में उसने जिस रास्ते का जिक्र किया उसे सुनकर पुलिस चौंक पड़ी। जिस रास्ते से वो वापस लौटने की बात कर रहा था वो दिल्ली जाता ही नहीं। सिद्धार्थ खुद ही अपने जाल में फंस चुका था। पुलिस ने सख्ती की तो उसने एक सनसनीखेज खुलासा किया सुपारी देकर ही उसने अपने मां-बाप की हत्या करवाई थी।

सिद्धार्थ के पिता अजय कुमार जैन प्रदेश के उद्योग विभाग में बतौर संयुक्त निदेशक काम कर रहे थे। वह सात दिन में सेवानिवृत्त होने वाले थे।

3 comments:

Anurag Harsh said...

अगर यह सच है तो इससे ज्‍यादा दुखद हाल देश का क्‍या होगा।

दिनेशराय द्विवेदी said...

उद्योग विभाग के संयुक्त निदेशक जी को फुरसत थी ही नहीं कि बेटे पर ध्यान देते। बेटा डिरेल हुआ तो उस ने यह कांड कर डाला।
हमें अपने बच्चों पर पूरा ध्यान देने और उस के लिए समय निकालने की जरूरत है।

राज भाटिय़ा said...

दिनेश जी की बात से सहमत हूं, हमे अपने बच्चो को शुरु से ही अच्छे संस्कार, अच्छी बाते सीखानी चाहिये.
धन्यवाद