राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में करोड़ों रुपये का घोटाला करने के आरोप में फंसे झारखंड के पूर्व स्वास्थ्य सचिव प्रदीप कुमार सहित कई आरोपियों के ठिकानों पर 31 अगस्त को सीबीआई ने छापा मारा। सीबीआई के अनुसार कुमार ने दवा आपूर्ति करने वाले नौ लोगों के साथ मिल कर मिशन के लिए ऐसी दवाइयां खरीदीं जिनकी जरूरत ही नहीं थी। इन दवाओं की खरीद के लिए सारे नियम-कायदों की भी धज्जियां उड़ा दी गई। 1991 बैच के आईएएस कुमार गत जून तक तक झारखंड में स्वास्थ्य सचिव थे। वह फिलहाल संस्थागत वित्त सचिव के पद पर हैं।
सीबीआई के अनुसार कुमार के साथ मिल कर इन लोगों ने एक साजिश के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए ऐसी दवाइयां खरीदीं जिनकी जरूरत ही नहीं थी। ये दवाइयां 2008 के दौरान प्रदीप के स्वास्थ्य सचिव रहते हुए खरीदी गई थीं। 130 करोड़ रुपये से ज्यादा की ये दवाइयां भंडार गृह में रखे-रखे खराब हो गई। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए खरीदे गए महंगे उपकरणों का भी उपयोग नहीं किया जा सका।
3 comments:
विक्रेता से मिलने वाला कमीशन तो किसी की जरूरत रहा होगा।
वाह कितने महान है हमारे लोग, जबाब नही
अफसोसजनक!
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