मुंबई के मीरा रोड में रहने वाले मनोज पटेल को जिम्मेदार पिता बनने पर बेटियों ने ऐसी सजा देने की ठानी की रिश्तों की सारी मर्यादाएं तार-तार हो गईं। जिम्मेदार पिता होने के नाते मनोज अपनी दोनों नाबालिग बेटियों को बेवजह बाहर आने-जाने और मौज मस्ती से मना करते थे। इससे नाराज बेटियों ने उन पर दो साल पहले बलात्कार का आरोप लगा दिया था। दो साल तक इस कलंक के साथ जीने के बाद ठाणे सेशन कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया है। बिना अपराध किए जेल जाने और शर्मसार होने के बावजूद उन्होंने बेटियों को माफ कर दिया है। 29 अगस्त को रिहा होने के बाद कहा कि उन्होंने बेटियों ने जो किया, उसकी उन्हें तब समझ नहीं थी।
मनोज को सात महीने बाद जमानत मिल सकी थी। इस बीच उनकी पत्नी को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। मां पर रेप की बात छुपाने के आरोप लगा था। लेकिन उनके वकील ने अदालत में दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया। उन्होंने शिकायत में बताए गए समय को झूठा साबित किया और मेडिकल रिपोर्ट में कई कमियां उजागर कीं। लिहाजा कोर्ट ने मनोज को बरी कर दिया।
लेकिन जो दाग 46 वर्षीय मनोज पर लगे हैं, वह उससे आहत हैं। पुराने निवास पर जाने के नाम से ही उन्हें डर लगने लगता है। बेटियों से उनकी बातचीत तो होती रहती है, लेकिन वे अलग- अलग रह रहे हैं।