भारत की तलाश

 

Friday, May 21, 2010

पुलिस अधीक्षक ने छेड़खानी कर रहे युवकों को रोका तो उन पर गोली चला दी गई, अंगरक्षक मारा गया

अमृतसर के लारेंस रोड स्थित एक रेस्त्रां में लड़कियों के साथ छेड़खानी कर रहे दो बदमाशों ने रोकने पर तरनतारन के एसपी (डी) मलविंदर सिंह पर गोली चला दी, जिसमें उनका एक अंगरक्षक मारा गया। दूसरे अंगरक्षक ने सतर्कता बरतते हुए एक बदमाश को घायल कर दबोच लिया। दूसरा बदमाश भागने में कामयाब हो गया। घायल बदमाश की पहचान मनमिंदर उर्फ सोनू निवासी उत्तराखंड के शहीद उधम सिंह नगर के रूप में की गई है।

मनमिंदर ने पूछताछ में बताया कि फरार बदमाश रनदीप सिंह उर्फ विजय टोपी अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह का सरगना है। रनदीप पर पंजाब में दो दर्जन से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। उनकी गाड़ी से जम्मू-कश्मीर की दो नंबर प्लेट और सोने के जेवर बरामद हुए हैं।

पुलिस अधीक्षक मलविंदर सिंह ने बताया कि 19 मई को उनकी पत्नी का जन्मदिन था। वह अपनी पत्नी और बेटी के साथ शाम 4.15 बजे लारेंस रोड स्थित एक रेस्त्रां में गए थे। वहां खाना खा रही युवतियों के साथ दो युवकों को छेड़छाड़ करते देख उन्होंने रोकने की कोशिश की। रोकने पर बदमाशों ने गाली—गलौच शुरू कर दिया। एसपी ने जब उनमें से एक को थप्पड़ मारा तो उसने पिस्तौल से गोली चला दी। गड़बड़ी देख एसपी के गनमैन रेस्त्रां के अंदर आए तो बदमाश वहां से भागने लगे। उन्होंने पीछा कर रहे गनमैन पर गोलियां चलाईं जिससे गनमैन बलविंदर सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। इसी बीच दूसरे गनमैन ने सतर्कता बरतते हुए गोली मार कर युवकों की गाड़ी के टायर पंक्चर कर दिए और एक बदमाश को घायल कर दिया।

इस दौरान गोलियां चलाते हुए दूसरा बदमाश मौके से 50 मीटर दूर एक कोठी में छिप गया। पुलिस कंट्रोल रूम के जवानों के पहुंचने पर कोठी की तलाशी ली गई, लेकिन तब तक वह वहां से भाग चुका था।

Monday, May 10, 2010

चित्तूर की भार्गवी ने एक अनोखे कंप्यूटर के विकास में सफलता हासिल की

अपने पति के डेस्कटॉप कंप्यूटर में लगे अनगिनत तारों के कारण घर को ठीक से साफ न कर पाने से परेशान आंध्रप्रदेश में चित्तूर की भार्गवी ने एक अनोखे कंप्यूटर के विकास में सफलता हासिल की है। भार्गवी ने एक ऐसे सिंगल यूनिट पर्सनल कंप्यूटर का निर्माण किया है, जिसमें सामान्य पीसी के सारे गुण मौजूद हैं। लेकिन तारों की संख्या घटकर केवल एक रह गई है।

दिलचस्प यह है कि भार्गवी कोई कंप्यूटर इंजीनियर नहीं हैं। उन्होंने केवल 12वीं तक की पढ़ाई की है, और वह भी तेलुगु माध्यम में। भार्गवी के इस कंप्यूटर को कैबटॉप (कैबिनेट टॉप) कहा जा रहा है। यानी सामान्य पीसी का ही बदला हुआ एक रूप है। इसके सारे कल-पुर्जे सामान्य पीसी के ही हैं, लेकिन इनको एक साथ एक खास तरीके के बनाए हुए अकेले कैबिनेट में फिट किया गया है।

भार्गवी ने बताया कि शुरू में उनके पति और परिवार वालों को उनके विचार पर काफी हैरानी हुई। लेकिन जब उन्हें लगा कि इस विचार में दम है तो उन्होंने भार्गवी की काफी मदद की। एक साधारण कंप्यूटर की तरह ही कैबटॉप में कोर टू डुओ का प्रोसेसर, 2 जीबी रैम और 320 जीबी हार्ड डिस्क लगा है। इसे एक टीवी के तौर पर भी प्रयोग में लाया जा सकता है और सिस्टम को चालू किए बिना ही इस पर फोटोग्राफ भी देखे जा सकते हैं।

कैबटॉप के लिए तकनीकी सपोर्ट देने वाले भार्गवी के पति रंगा रेड्डी बताते हैं कि यह पूरा सिस्टम रिमोट कंट्रोल से भी चलाया जा सकता है और इसमें एक बिल्ट इन मल्टी मीडिया सिस्टम, टीवी तकनीक, स्पीकर और ऑटोमेटिक लॉक सिस्टम भी है। कैबटॉप बिजली की भी कम खपत करता और गर्म भी कम होता है। सबसे बड़ी बात है कि यह लैपटॉप की तरह पोर्टेबल है, लेकिन इसे लैपटॉप की तरह बैग की जरूरत नहीं होती।

यह नया पीसी केंद्रीय विज्ञान और तकनीक विभाग की देखरेख में टेक्नोप्रेनियर प्रोमोशन प्रोग्राम के तहत बनाया गया है। आंध्र प्रदेश के आचार्य नागाजरुन विश्वविद्यालय ने इसके प्रोटोटाइप के निर्माण के लिए शुरुआती पैसे दिए थे। इसे पेटेंट कराने के लिए रजिस्टर्ड करा लिया गया है। सेंट्रल मेकैनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट, दुर्गापुर में हुए परीक्षणों में इसे कारगर पाया गया है। साधारण पीसी को कैबटॉप में बदलने के लिए दो हजार से सात हजार तक का खर्च आ सकता है।
(समाचारांश दैनिक भास्कर में अनुषा रवि की रिपोर्ट से साभार)

Sunday, May 2, 2010

भारत के 115 व्यक्तियों ने एक साथ मर्सिडीज कारों की बुकिंग कराई: मर्सिडीज निर्माता हैरान

महाराष्ट्र के सीएम अशोक चौहान और पूर्व सीएम विलासराव देशमुख के इलाके वाले औरंगाबाद जिले ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यहां के करीब 115 प्रभावशाली लोगों ने सबको चौंकाते हुए एक साथ 115 मार्सिडीज बेंज कारों का ऑर्डर दिया है। भारत में एक साथ मर्सिडीज खरीदने वाले लोगों का सबसे बड़ा समूह है।


इस समूह में शुरुआत उद्योगपति, मीडियाकर्मी, निर्यातक, मकान-निर्माता, डॉक्टर्स और वकील मिलाकर 115 लोग हैं। इस 'औरंगाबाद ग्रुप' ने विलासिता वालीं कई कारें देखीं लेकिन अंत में सब मर्सिडीज़ कारें खरीदने पर सहमत हो गए।

पुणे में मर्सिडीज कारों के डीलर चंद्रबदन भंडारी ने कहा है कि इन सभी लोगों को अक्टूबर में दशहरा के पहले कारें दे दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि यह एक साथ मर्सिडीज खरीदने वाला देश का सबसे बड़ा समूह है और हमने इन लोगों को बेहतरीन ऑफर भी दिया है। खरीदारों ने सात लोगों की एक टीम बनाई जिसने कंपनी से बेहतरीन डील के लिए मोलभाव भी किया।

अभी मर्सिडीज बेंज के 5 मॉडल बाजार में उपलब्ध हैं। ये हैं सी, ई, एम, एस और जीएल क्लास। इनकी कीमत 25 से 95 लाख के बीच है। मजे की बात यह है कि मर्सिडीज खरीदने वालों लोगों के समूह में पहले सिर्फ 15 लोग ही थे। लेकिन धीरे-धीरे इनकी संख्या 115 हो गई।

अब यह अलग बात है कि औरंगाबाद महाराष्ट्र के मराठवाड़ा इलाके के पिछड़े जिलों में से एक है! यहां पानी की कमी है। औद्योगिक विकास न के बराबर है। साथ ही गरीबी तो है।