भारत की तलाश

 

Saturday, August 30, 2008

जनता ने इतिहास दोहराया, जनप्रतिनिधियों को कुर्सी से उतार कर

निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को वापस बुलाने की बहस के बीच छत्तीसगढ़ के तीन नगर पंचायतों के अध्यक्षों को वापस बुलाकर मतदाताओं ने इतिहास रच दिया था। अब फिर उसी छ्त्तीसगढ़ में फिर इतिहास दोहराया गया। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में कुसवी पंचायत के मतदाताओं ने 'वोट टू रिकॉल' का इस्तेमाल करते हुए अपने चुने हुए पंचायत अध्यक्ष को वापसी का रास्ता दिखा दिया है।

छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में कुसवी पंचायत की जनता ने अपने चुने हुए पंचायत अध्यक्ष से नाखुश होकर उन्हें बेदखल करने के लिए मतदान में भाग लेते हुए बड़े पैमाने पर अपने मतों का प्रयोग किया। मतदान के परिणामों की जब गिनती पुरी हुई तो पंचायत अध्यक्ष को वापस जाने का मतदाताओं ने अपना आदेश वोट के माध्यम से भेज दिया था । कुछ समय पहले मतदाताओं ने जिस पंचायत अध्यक्ष को चुनकर भेजा था उसे ही 'वोट टू रिकाल' के तहत हुए मतदान में हराकर एक बड़ा संदेश दिया है।

छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में कुसवी पंचायत में, वहाँ की जनता ने जो फैसला दिया है उसकी धमक, निश्चित तौर पर, पूरे देश में सुनाई देगी।

Tuesday, August 26, 2008

पति के लिए, अपनी पत्नी को, कुछ परिस्थितियों में पीटना तर्कसंगत

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे (National Family Health Survey-3) की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र में आधी से अधिक महिलाएं 18 वर्ष आयु से पहले ही अपना कौमार्य खो देती हैं, जबकि पुरूष अपना पहला शारीरिक संबंध 24 वर्ष से पहले बनाते हैं। सर्वे के मुताबिक महाराष्ट्र में समय से पहले शादी की परंपरा की वजह से 15 से 24 वर्ष के आयु वर्ग में शारीरिक संबंध बनाने वालों में महिलाओं की संख्या पुरूषों की तुलना में अधिक है। हाल में जारी इस रिपोर्ट में शहरी और ग्रामीण महाराष्ट्र की जनसंख्या, स्वास्थ्य और पोषण के बारे में जानकारी दी गई है।

लगभग 39 प्रतिशत महिलाओं की शादी कानून द्वारा निर्धारित 18 वर्ष से कम उम्र में हो जाती है जिसके चलते वे किशोरावस्था में गर्भवती होने के लिए मजबूर होती है। राज्य में किशोरावस्था में 14 प्रतिशत महिलाएं गर्भधारण करती हैं। यह रिपोर्ट 9,034 महिलाओं और 8, 867 पुरूषों के साथ बातचीत पर आधारित है। रिपोर्ट में बताया गया है कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को शहरी क्षेत्र के महिलाओं की तुलना में दोगुना बच्चों को जन्म देना पड़ता है। रिपोर्ट में गर्भनिरोधकों के इस्तेमाल के बारे में बताया गया है कि राज्य में विभिन्न गर्भनिरोधक उपायों के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। हालांकि कई महिलाओं को अभी तक यह भी जानकारी नहीं है कि कंडोम से एचआईवी या एड्स से बचा जा सकता है। देश में गर्भनिरोधक उपाय अपनाने वाले राज्यों में महाराष्ट्र का पांचवा स्थान है।

महाराष्ट्र में केवल 47 प्रतिशत महिलाओं के पास यह जानकारी है कि कंडोम के लगातार इस्तेमाल से एड्स से बचा जा सकता है और 30 प्रतिशत महिलाओं के पास इसकी व्यापक जानकारी है। रिपोर्ट के मुताबिक राज्य की आधी से अधिक महिलाएं अनीमिया से ग्रसित हैं, जबकि 17 प्रतिशत पुरूष अनीमिया से ग्रसित हैं। छह महीने से पांच वर्ष तक की आयु वाले बच्चे भी अनीमिया से ग्रसित हैं।

रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य में हर तीन विवाहित महिला में से एक ने परिवार के सदस्यों से शारीरिक या यौन हिंसा का सामना किया है। 51 प्रतिशत महिलाओं का मानना है कि पति के लिए अपनी पत्नी को कुछ परिस्थितियों में पीटना तर्कसंगत होता है। लगभग 30 प्रतिशत महिलाओं को अपने पति से थप्पड़ खाना पड़ता है। आठ से 12 प्रतिशत महिलाओं के बांह मरोड़े गए है। उनके बाल खींचे गए, धक्का मारा गया, पैर से पीटा, घसीटा गया और उन पर कुछ फेंका गया है। रिपोर्ट के मुताबिक केवल एक प्रतिशत महिलाओं ने अपनी पति का विरोध किया।

उपरोक्त रिपोर्ट डाउनलोड की जा सकती है (pdf फॉरमेट में, लगभग 9.7 MB)
अंग्रेजी में यह समाचार यहाँ देखें

Monday, August 25, 2008

12 वीं कक्षा का एक छात्र, पूरे देश में सबसे अधिक पैसे वाला बैंक ग्राहक

12 वीं कक्षा के एक छात्र का सिर तब चकरा गया जब अपने बैंक खाते में सौ रूपये जमा कराने पहुंचा। जब उसने अपने खाते में जमा राशि के बारे में जानना चाहा तो पता चला कि उसके खाते में 98 अरब से अधिक रूपए जमा है। यह देखकर न केवल छात्र का सिर चकरा बल्कि बैंक कर्मचारी भी भौंचक्के रह गये। राष्ट्रीय सहारा में आयी ख़बर के मुताबिक, उत्तरप्रदेश में, हापुड़ के दीवान इंटर कालेज में, 12 वीं कक्षा में पढ़ने वाला छात्र पुष्कर अग्रवाल शनिवार को शंकरगंज स्थित भारतीय स्टेट बैंक में अपने खाते में सौ रूपये जमा करने पहुंचा था।

रूपये जमा कराने के बाद जब उसने अपने खाता संख्या 30275724487 में जमा धनराशि के बारे में पता किया तो पता चला कि उसके खाते में 98 अरब 97 करोड़ 60 लाख 24 हजार 253 रूपये जमा हैं। यह सुनकर जहां पुष्कर का सिर घूम गया वहीं बैंक कर्मी भी भौचक्के रह गये। उन्होंने तुरंत इस बात की सूचना शाखा प्रबंधक को दी। शाखा प्रबंधक का कहना है कि किसी तकनीकी त्रुटि के कारण यह राशि पुष्कर अग्रवाल के खाते में अंकित हो गयी है जिसकी जांच की जाएगी। जांच के बाद जिस कर्मचारी की त्रुटि होगी उसके विरूद्ध उचित कार्रवाई की जाएगी। उधर खातेदार छात्र का कहना है कि उसके खाते में दो हजार रूपये होने चाहिए। मानवीय भूल अथवा तकनीकी त्रुटि के कारण ही उसके खाते में 98 अरब 97 करोड़ 60 लाख 24 हजार 263 रूपये जमा हो गए हैं। जिस कारण भी हो बैंक में दर्ज आंकड़ों के आधार पर अभी तक हापुड़ ही नहीं बल्कि पूरे देश में सबसे अधिक पैसे वाला यह बैंक ग्राहक पुष्कर ही है।

खुद ही बन गया किसी की पत्नी, जब पत्नी ने छोड़ा तो!

बिहार के समस्तीपुर जिले में, सोनपुर गांव के निवासी शरीफ, पत्नी की बेवफाई से इस कदर आहत हुआ कि उसने अपना लिंग ही बदल लिया। यही नहीं वह एक पुरुष से शादी करके उसकी जीवनसंगिनी बन गया। लिंग बदलने की बात उस वक्त सामने आई, जब शुक्रवार को एक औरत के लिबास में वह न्यायालय पहुंचा। न्यायालय के एक अधिकारी ने कहा कि शरीफ ने ऑपरेशन के जरिए अपना लिंग बदलवाने और फिर शादी करने की सूचना दी है। शरीफ ने न्यायालय में कहा कि अपनी पत्नी द्वारा तलाक दिए जाने के बाद वह बहुत आहत था और इसी के बाद ही उसने लिंग बदलने का फैसला किया।

उत्तर प्रदेश के देवरिया में एक थियेटर कंपनी के साथ काम करने वाले शरीफ का विवाह अशरफुल खातून से साल 2000 में हुआ था। इसके दो साल बाद ही अशरफुल ने उस पर प्रताड़ना का मामला दर्ज करवा दिया और फिर शरीफ को जेल हो गई। 2005 में पत्नी के साथ समझौते के बाद शरीफ को जमानत मिली। जेल से बाहर आने के बाद शरीफ को उसकी पत्नी तलाक दे दिया।

साइबर अपराध के इतिहास का सबसे दुस्साहसिक कदम, भारतीय के नाम

ब्रिटिश इतिहास में अब तक के सबसे बड़े साइबर अपराधों में से एक में भारतीय का हाथ होने का खुलासा हुआ है। यूं तो इंडियन आईटी प्रोफेशनल्स का लोहा पूरी दुनिया मानती है, लेकिन जरूरी नहीं कि प्रतिभा का इस्तेमाल हर बार सही काम के लिए ही हो। एक भारतीय हैकर पर लगभग 80 लाख लोगों की पहचान व उनका विस्तृत विवरण चुरा कर रूस के माफिया को बेचने का आरोप लगाया गया है। इससे करीब तीन अरब पाउंड यानी 2 खरब 43 अरब रुपये का नुकसान हुआ। साइबर क्राइम के इतिहास में इतने बड़े अपराध का कोई दूसरा उदाहरण नहीं मिलता। इसे साइबर अपराध के इतिहास का सबसे दुस्साहसिक कदम बताया जा रहा है।

स्काटलैंड के संडे हेराल्ड के मुताबिक बृहस्पतिवार, 21 अगस्त की देर रात भारतीय मूल के एक हैकर ने बेस्ट वेस्टर्न होटल ग्रुप की आन लाइन बुकिंग प्रणाली की सुरक्षा कवच को भेद दिया। यही नहीं उसने इसकी संचालन प्रणाली का विस्तृत विवरण भी गुप्त नेटवर्क के माध्यम से रूसी माफिया को बेच दिया। इस हैकर को इससे पहले कोई नहीं जानता था। रिपोर्ट में उसके नाम का खुलासा नहीं किया गया है और न ही यह बताया गया है कि उसकी भारतीय पहचान कैसे स्थापित की गई।

इस साइबर हमले में 1,312 कांटिनेंटल होटलों के सभी ग्राहकों का व्यक्तिगत ब्यौरा चोरी कर लिया गया। ये सभी लोग 2007 से अब तक इन होटलों में ठहरे थे। चोरी हुई सूचनाओं में घर का पता, टेलीफोन नंबर, क्रेडिट कार्ड का विवरण और इनके पेशे का ब्यौरा शामिल है। कंप्यूटर सुरक्षा फर्म प्रीवक्स में काम कर रहे पूर्व हैकर और सुरक्षा विशेषज्ञ जैक्विस इरेस्मस ने बताया कि हैकर ने बहुत बड़ा हाथ मारा है। इरेस्मस ने कहा कि इन सूचनाएं का रूसी गिरोह ने दुरुपयोग भी शुरू कर दिया है। इनकी मदद से वे यूरोप में अपराधों की संख्या में जबरदस्त वृद्धि कर सकते हैं।

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की ख़बर यहाँ पढी जा सकती है।

Wednesday, August 20, 2008

खेल मंत्री ने पूछा, कौन हैं आप?

यह कहा जा सकता है कि भारत में क्रिकेटरों के अलावा दूसरे खिलाड़ियों की कोई पहचान नहीं है, यहां तक की बैडमिंटन की दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित प्रतियोगिताओं में से एक ऑल इंग्लैंड ओपन जीत चुके पुलेला गोपीचंद की भी नहीं। बीजिंग ओलंपिक में हिस्सा लेने के बाद लौटी बैडमिंटन टीम के कोच गोपीचंद जब मंगलवार को टीम की महिला सदस्य सायना नेहवाल के साथ जब खेल मंत्री एमएस गिल से मिलने पहुंचे तो खेल मंत्री गोपीचंद को पहचान नहीं सके, हालांकि वे सायना को अच्छी तरह पहचान गए।

गिल ने सायना का तो दिल खोलकर स्वागत किया, लेकिन उन्होंने गोपीचंद की ओर देखते हुए पूछा कि आप कौन हैं? गिल के इस सवाल से वहां मौजूद तमाम लोग हैरान रह गए। गोपीचंद ने हालांकि गिल के इस सवाल को गंभीरता से नहीं लिया और अपना परिचय राष्ट्रीय कोच के रूप में कराया। मीडियाकर्मियों ने जब गोपीचंद से इस घटना के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, ‘‘कोई बात नहीं, मुझे बुरा नहीं लगा।’’ खेल मंत्री ने सायना को मंगलवार को अपने दफ्तर बुलाया था। टीम का कोच होने के नाते गोपीचंद भी खेल मंत्री से मिलने पहुंचे थे।

Sunday, August 17, 2008

तिरंगे को झाड़ू में बांधकर लहराया

'झंडा ऊंचा रहे हमारा' कहते हुए हजारों भारतीय शहीद हो गए हैं। लेकिन कुछ भारतीय ऐसे भी हैं, जिनकी नजर में तिरंगे की कोई कद्र ही नहीं है। केरल के एक सहकारी बैंक में काम करने वाले कुछ कर्मचारी-अधिकारी भी इसी श्रेणी में आते हैं। इन्होंने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर झाड़ू में तिरंगा बांध कर लहराया। हालांकि इन्हें तत्काल इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा और नौकरी से निलंबित होना पड़ा है। मीडिया में आयी यह घटना केरल के अलाप्पुझा जिला सहकारी बैंक की है। राज्य के सहकारिता मंत्री जी सुधाकरन ने बैंक के दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। उन्होंने प्रबंधक और घटना के लिए जिम्मेदार बैंक के चपरासी को गिरफ्तार करने के भी आदेश दिए हैं। साथ ही, कार्रवाई में देरी के लिए पुलिस की विशेष शाखा को भी दंडित किए जाने की बात कही है।

बैंक के चपरासी ने झाड़ू में लगी लाठी की एक छोर पर तिरंगा बांधकर लाठी बैंक के सामने खड़ी कर दी थी। कुछ देर बाद स्थानीय लोगों ने बैंक अधिकारियों को मामले की जानकारी दी। पता चलने पर क्षेत्र के विधायक और राज्य के सहकारिता मंत्री सुधाकरन ने शाम को बैंक का दौरा किया। उन्होंने प्रशासन को बैंक मैनेजर व संबंधित चपरासी को तत्काल निलंबित करने के लिए कहा। सुधाकरन ने कहा कि यह सीधे तौर पर तिरंगे के अपमान का मामला है, इसलिए इसके जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

Saturday, August 16, 2008

नास्डेक में भी मना जश्न, आजादी का

दुनिया का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज, नास्डेक भी भारत के स्वतंत्रता दिवस के जश्न का गवाह बना। आजादी की 62 वीं सालगिरह के अवसर को खास बनाने के लिए इस दिन यहां भारतीय ध्वज तिरंगा फहरा रहा था। साथ ही एक्सचेंज में कारोबार की समापन घंटी बजाने के लिए भारतीय महावाणिज्य दूत नीलमदेव विशेष तौर पर आमंत्रित थीं। यह पहला मौका है जब महावाणिज्य दूत ने इस स्टाक मार्केट में बंदी की घंटी बजाई।

एक्सचेंज के बाहर ऐतिहासिक टाइम स्क्वायर की तरफ लगा विशाल इलेक्ट्रानिक बोर्ड भी केसरिया, सफेद और हरे रंग से जगमगा रहा था। इसमें लिखा था भारत का स्वतंत्रता दिवस।

नास्डेक में 3200 से अधिक कंपनियां सूचीबद्ध हैं। यहां छह भारतीय कंपनियां भी लिस्टेड हैं जिनका सम्मिलित बाजार पूंजीकरण करीब 35 अरब डालर है। इनमें एक्स वन सर्विस, रेडिफ डाट काम, सिफी टेक्नोलाजीज, सिंटेल इंक, काग्नीजेंट टेक्नोलॉजी और इन्फोसिस शामिल हैं।

भारतीय महिला बनीं सहायक उपकुलपति

आंध्रप्रदेश में जन्मी डॉ. शिवा कुमारी को अमेरिका के टेक्सास स्थित राइस विश्वविघालय का सहायक उपकुलपति नियुक्त किया गया है। विश्वविघालय के कुलपति (प्रोवोस्ट) इयुगेन लेवी ने डॉ. शिवा की नियुक्ति की घोषणा की। गौरतलब है कि राइस विश्वविघालय में फिलहाल शिक्षाशास्त्र के प्रशिक्षण का कोई संस्थान नहीं है और प्राइमरी एवं सेकंडरी स्तर के शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए आने वाले लोगों को अन्य संस्थाओं की मदद से प्रशिक्षित किया जाता है।

Wednesday, August 13, 2008

तिरंगे की बदौलत चल रहा है घर का चूल्हा!

उत्तरप्रदेश के वाराणसी के साड़ी उद्योग में आई मंदी के कारण, लल्लापुरा निवासी मुहम्मद वसी का परिवार बेरोजगारी की मार झेल रहा था, लेकिन अब वे तिरंगा बुन रहे हैं, जिससे उसकी बेरोजगारी तो दूर हुई ही, साथ ही इनकी अलग पहचान भी बनी है। देशभक्ति के साथ रोजगार को जोड़ने वाले अकेले केवल वसी का ही परिवार नहीं है बल्कि वाराणसी में ऐसे लगभग दस परिवार हैं, जिनके घर का चूल्हा इसी तिरंगे की बदौलत चल रहा है। रेशम पर बनने वाला यह तिरंगा अब सभी वर्ग के लोगों के लिए बनने लगा है। कागज के तिरंगे की जगह अब यह तिरंगा दुपट्टे के रूप में तैयार किए जा रहे हैं।

मीडिया में आयी जानकारी के अनुसार मुहम्मद वसी अपने हैंडलूम पर केवल भारत में बने रेशम से ही तिरंगा झंडे बुनते हैं, क्योंकि वसी महसूस करते हैं कि तिरंगा तैयार करना उनके रोजगार का जरिया जरूर है, लेकिन यह भारत की शान का भी प्रतीक है। अत: इसमें इस्तेमाल होने वाली कोई भी चीज विदेशी नहीं होनी चाहिए। हैंडलूम पर तिरंगा बनाने के पीछे वसी की बेरोजगारी तो है साथ ही उनके अंदर देशभक्ति का भाव भी था। उन्होंने कहा, ''हम लोग भारतीय तिरंगे को सम्मान पूर्वक फहराते हैं। नवीन जिंदल ने उच्चतम न्यायालय से सभी भारतीयों के लिए यह अधिकार प्राप्त किया है। अब सभी स्कूलों के बच्चों के हाथों में 15 अगस्त और 26 जनवरी के दिन कागज व प्लास्टिक के तिरंगे तो दिखते हैं, लेकिन बाद में ये तिरंगे ऐसी जगह पड़े रहते हैं जहां उसका उचित सम्मान नहीं हो पाता है।''

उन्होंने कहा, ''इसके बाद ही कपड़े के तिरंगे तैयार करने की बात मेरे मन में आई। बस! मैं 26 जनवरी और 15 अगस्त के लिए तिरंगा तैयार करने लगा और वह हाथों-हाथ बिकने लगा।'' 'विशाल भारत संस्थान' नामक एक स्वयंसेवी संस्था ने अपने कूड़ा चुनने वाले बच्चों को भेंट करने के लिए और मुहम्मद वसी के उत्साहवर्धन के लिए तिरंगे की मांग की है। संस्था के संस्थापक डा. राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि रोजगार और देशभक्ति की भावना यदि साथ-साथ मिल जाए तो इससे देश में अमन और शांति का वातावरण होगा। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के मालवीय सेंटर फॉर पीस के निदेशक प्रियंकर उपाध्याय ने कहा, '' इस देश में मात्र दो ही चीजों की कमी है रोजगार और देशभक्ति, तिरंगे के निर्माण में दोनों ही चीजें दिखाई पड़ रही हैं।''

बीजिंग में हुआ खेल के महानायक का अपमान!

बीजिंग ओलंपिक में गोल्ड जीतनेवाले अभिनव बिंद्रा पर जहां पूरा देश नाज कर रहा है, वहीं भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अधिकारियों ने कथित तौर पर बिंद्रा का अपमान किया। देशवासियों की पलकों पर बैठे अभिनव बिंद्रा का यह अपमान तब हुआ, जब लोग इस बडी ज़ीत के जश्न की खुमारी से भी उबर नहीं पाए थे।

एक निजी समाचार चैनल के मुताबिक अभिनव आज रायवर्धन राठौड़ का डबल ट्रैप इवेंट देखने गए थे। इंवेट देखने के बाद स्टेडियम से बाहर आए बिंद्रा आधे घंटे तक गाड़ी का इंतजार करते रहे, लेकिन किसी अधिकारी की उन पर नजर इनायत नहीं हुई। जब उन्हें गाड़ी नहीं मिली, तो वह खुद ही एक टैक्सी में बैठकर अपने होटल लौट आए। हालांकि वहां मौजूद आईओए के अधिकारियों के लिए कारें आई थीं। किसी ने भी बिंद्रा की ओर ध्यान नहीं दिया और न ही किसी ने उनसे पूछा कि वे कहां जाना चाहते हैं।

अभिनव पहले भारतीय है, जिन्होंने व्यक्तिगत स्पर्धा में सोमवार को ही बीजिंग में 10 मीटर राइफल शूटिंग में गोल्ड मेडल जीता था।

Friday, August 8, 2008

शहीदों की चितायों पर लगेंगे मेले और उनके पोते रिक्शा खींचेंगे

पश्चिम चंपारण में बेतिया नगर के बड़ा रमना मैदान में गणेश राव ने भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान 24 अगस्त 1942 को अपने सीने पर फिरंगियों की गोली खायी और अपने सात साथियों के साथ शहीद हो गए। आज उनके पोते उसी शहर में रिक्शा खींच और राजमिस्त्री का काम कर अपना जीवन-यापन कर रहे हैं। पुरानी गुदरी मोहल्ले के छोटे से खपरैल मकान में पूरे परिवार की जिंदगी की गाड़ी जिस हाल में चल रही है, उसे देखकर किसी का भी हृदय द्रवित हो उठेगा।

सरकारी आश्वासन के सहारे शहीद की विधवा, बेटे और बहू गुजर गए। अभी परिवार में उनके तीन पोते शंभु राव, प्यारे लाल राव व ओम प्रकाश राव हैं। प्यारे लाल रिक्शा चलाते हैं तो ओमप्रकाश व शंभु राज मिस्त्री का काम कर रहे हैं। जब इस संवाददाता ने उनसे उनके दादा की शहादत के किस्से सुनाने की गुजारिश की तो उनके मुंह से कुछ निकलता, इसके पहले ही उनकी आंखें बरसने लगीं। प्यारेलाल कह रहे थे, '1970 में तत्कालीन मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय ने बेतिया में शहीद स्मारक का शिलान्यास किया तथा शहीदों के आश्रितों को सम्मान पत्र दिया। उस दिन उन्होंने पक्का मकान और जमीन देने का भरोसा दिया। तब से लेकर आज तक कई सीएम और डीएम आए, पर उनसे मिलने के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला। प्रधानमंत्रियों में एचडी देवगौड़ा, इंद्र कुमार गुजराल, अटल बिहारी वाजपेयी और अब मनमोहन सिंह तक पत्राचार कर थक चुका हूं। अब तमन्ना है, एक बार राष्ट्रपति से मिल लूं। मगर, आर्थिक विपन्नता के कारण दिल्ली दूर लगती है। क्या करूं, समझ नहीं पा रहा हूं।'

जागरण में विजय सिंग की रिपोर्ट कहती है कि संपत्ति के नाम पर इस परिवार के पास महज आठ धूर जमीन और जीर्ण-शीर्ण खपरैल मकान है। इसी मकान में भेड़-बकरियों की तरह रहने की मजबूरी है। सरकार की बात तो दूर, किसी जन प्रतिनिधि तक ने इनकी सुधि नहीं ली। प्रेरणा की बात यह है कि सरकारी सहायता की आस में पथरा चुकीं इस परिवार की आंखों में आज भी देशभक्ति का जज्बा देखा जा सकता है।

Tuesday, August 5, 2008

शादी करने पर सिर कलम किया

प्रेस ट्रस्ट द्वारा जारी एक ख़बर में बताया गया है कि एक हिंदू लड़के का सिर इसलिए कलम कर दिया गया कि उसने मुस्लिम लड़की से शादी की थी। घटना पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले की है। गांव की पंचायत (कंगारू कोर्ट) ने हालांकि उसे 'फांसी' की सजा सुनाई थी। इस सिलसिले में 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस के मुताबिक, लखनपुर गांव की मुनेरा बीवी जब मुंबई में काम कर रही थी तो उसी दौरान बिहार निवासी शैलेंद्र प्रसाद से उसे प्यार हो गया। ढाई साल पहले दोनों ने शादी कर ली। उनके 10 महीने का एक बच्चा भी है। सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था, लेकिन जब वे एक जुलाई को लखनपुर आए तो लड़की के मां-बाप को शैलेंद्र पर शक हुआ। जब यह पता चला कि वह हिंदू है तो पंचायत ने उसे फांसी की सजा सुनाई। लेकिन, सिर कलम किया हुआ शैलेंद्र का शव 17 जुलाई को खेत में पड़ा मिला।

Monday, August 4, 2008

जेल में बंद सांसद शहाबुद्दीन, आईएसआई और कश्मीरी आतंकवादियों के लगातार संपर्क में

37 मोबाइल, 10 अतिरिक्त मोबाइल सिम, 19 मोबाइल बैट्री चार्जर,सात अतिरिक्त मोबाइल बैट्री, एक अवैध पंखा, आठ धारदार हथियार, चाबुक, 15 टेलीफोन डायरी, अन्य अभिलेख, एक हेडफोन एवं सात विदेशी परफ्यूम की बोतलों के अतिरिक्त गुटखा के पैकेट! यह सब बरामद हुया जिलाधिकारी वंदना प्रियदर्शी व पुलिस अधीक्षक उमेश कुमार के नेतृत्व में रविवार को पूर्वाह्न साढ़े चार बजे, बिहार के सिवान जिला जेल में की गयी छापेमारी में। डीएम ने बताया कि छापेमारी में सांसद शहाबुद्दीन के पास से ही सात मोबाइल फोन के अतिरिक्त सात मोबाइल चार्जर बरामद किए गए। जब शहाबुद्दीन की जेल बैरक पर छापा मारा गया तो उसने जेल कर्मचारियों की मदद से ही अपने मोबाईल और सिम कार्ड छिपाने की कोशिश की मगर इन कोशिशों में वह कामयाब नहीं हो सका।

साढ़े चार घंटे तक चली कार्रवाई में जेल के सभी 27 वार्डो से दर्जनों मोबाइल फोन अतिरिक्त सिम कार्ड, टेलीफोन डायरी और उनमें दर्ज सैकड़ों लोगों के नम्बर तथा विदेशी परफ्यूम के अलावा कई अन्य आपत्तिजनक सामान बरामद हुए। रईस खां के कमरे से दो, जितेन्द्र स्वामी के पास से चार मोबाइल व आठ अतिरिक्त सिम बरामद किये गये। उन्होंने कहा कि बरामद आपत्तिजनक सामानों के बारे में जेल मैनुअल के तहत कानूनी कार्रवाई का आदेश दे दिया गया है। जेल में छापामारी के कार्यक्रम पूरी तरह गुप्त रखा गया था जिससे जेल में इस दल के पहुंचते ही कैदियों में हड़कंप मच गया। सीवान की जिला कलेक्टर वंदना प्रियदर्शी के अनुसार, शहाबुद्दीन ने पुलिस अधिकारियों को अपनी बैरक में घुसने से रोका और कमाल की बात यह है कि बैरक के तालों की चाभियां भी उसके पास रखी थी।

जेल बैरक से बरामद बारह सिम कार्ड और सात मोबाइल फोन जांच के लिए दिल्ली भेजे गए तो उनसे बहुत सनसनीखेज जानकारियां बाहर आई। सिम कार्डो की पड़ताल से पता लगा है कि शहाबुद्दीन जेल के भीतर से अपना माफिया संसार तो चला ही रहा था, आईएसआई और कई कश्मीरी आतंकवादियों के भी लगातार संपर्क में था। सिम कार्डो की प्रारंभिक पड़ताल पटना पुलिस की साइबर शाखा ने कर ली है और इससे मिले सारे विवरण बताते हैं कि शहाबुद्दीन लगातार आतंकवादियों के संपर्क में था।